भारत-पाक मैच पर नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया
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भारत-पाक मैच पर नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया

रंधावा और अखिलेश ने उठाए सवाल, कहा- मैच के समय देशभक्ति की भावना कहां जाती है…..

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चंडीगढ़: भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले क्रिकेट मैच हमेशा से ही केवल एक खेल नहीं बल्कि भावनाओं का तूफान बन जाते हैं। लेकिन इस बार खेल से ज्यादा राजनीति गर्म हो गई है। कांग्रेस नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच पर सवाल उठाते हुए सरकार की नीति पर कटाक्ष किया है।

रंधावा ने अपने बयान में कहा कि “जब भी भारत-पाकिस्तान का मैच होता है, तो देशभक्ति की भावना अचानक कहां गायब हो जाती है?” उन्होंने सीधे तौर पर यह संकेत दिया कि ऐसे मौकों पर पाकिस्तान से रिश्ते सामान्य कैसे हो जाते हैं, जबकि पंजाब जैसे सीमावर्ती राज्य को ड्रोन हमलों और तस्करी जैसी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

रंधावा का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब पंजाब में हाल ही में कई बार पाकिस्तानी ड्रोन देखे गए हैं, जो अक्सर हथियार और नशा सप्लाई करने में उपयोग होते हैं। उनका कहना है कि एक तरफ हम सीमा पर पाकिस्तान की हरकतों से जूझ रहे हैं, दूसरी तरफ उसी देश के साथ क्रिकेट जैसे आयोजन करना कहीं न कहीं राष्ट्रीय सुरक्षा और संवेदनाओं की अनदेखी है।

दूसरी ओर, अखिलेश यादव ने भी इसी विषय पर चिंता जताई। उन्होंने कहा, “जब भारत-पाकिस्तान का मैच होता है तो लोगों की भावनाएं भड़कती हैं, लेकिन सरकार के स्तर पर कोई स्पष्ट नीति नजर नहीं आती।” उन्होंने सवाल उठाया कि क्या क्रिकेट मैचों के जरिए हमें यह दिखाने की कोशिश की जा रही है कि सबकुछ सामान्य है, जबकि सच्चाई इससे कहीं अलग है।

अखिलेश ने यह भी कहा कि खेल भावना जरूरी है, लेकिन जब मामला पाकिस्तान से जुड़ा हो तो सिर्फ खेल तक बात नहीं रहती। यह राष्ट्रीय सुरक्षा, संवेदनाओं और नीति की भी बात बन जाती है। उन्होंने सुझाव दिया कि जब तक पाकिस्तान भारत के खिलाफ आतंकवाद और सीमाई हमलों में शामिल है, तब तक उसके साथ खेलों में भी दूरी रखी जानी चाहिए। यह बयान ऐसे समय में आए हैं जब भारत और पाकिस्तान के बीच आगामी मैच को लेकर माहौल बेहद उत्साहित है। सोशल मीडिया से लेकर न्यूज़ चैनलों तक, हर जगह इस मैच की चर्चा हो रही है। लेकिन इन नेताओं की बातें इस उत्साह पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लगा रही हैं।

देश में जहां एक बड़ा तबका इस मैच को महज खेल के रूप में देखता है, वहीं कुछ नेता इसे एक बड़ी राजनीतिक और कूटनीतिक भूल मानते हैं। अब देखना यह होगा कि सरकार इन बयानों पर क्या प्रतिक्रिया देती है और क्या भविष्य में भारत-पाक क्रिकेट संबंधों पर कोई नई नीति बनाई जाती है या नहीं।

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