भारत-पाक बॉर्डर पर BSF का ऑपरेशन अलर्ट
स्वतंत्रता दिवस से पहले तारबंदी पर कड़ी निगरानी, अधिकारी और जवान 24 घंटे रहेंगे तैनात……
भारत और पाकिस्तान की सीमा पर 15 अगस्त को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियों ने अपनी तैयारियां और कड़ी कर दी हैं। सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने “ऑपरेशन अलर्ट” नामक विशेष अभियान शुरू किया है, जिसके तहत बॉर्डर की तारबंदी पर चौकसी और निगरानी को उच्चतम स्तर पर पहुंचा दिया गया है।
BSF अधिकारियों के मुताबिक, यह अभियान हर साल स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस से पहले चलाया जाता है, लेकिन इस बार हालात और भी संवेदनशील माने जा रहे हैं। खुफिया रिपोर्ट्स के आधार पर सीमा पार से घुसपैठ या ड्रोन के जरिए हथियार और नशीले पदार्थ भेजने की आशंका जताई गई है।
ऑपरेशन के तहत सभी चौकियों पर जवानों की संख्या बढ़ा दी गई है। पेट्रोलिंग पार्टियों को दिन-रात गश्त करने के निर्देश दिए गए हैं। रात में निगरानी के लिए नाइट विजन डिवाइस, थर्मल इमेजर और ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। सीमा पर लगे हाई मास्ट लाइट्स और फ्लड लाइट्स की भी विशेष जांच की गई है, ताकि अंधेरे का फायदा उठाकर कोई भी संदिग्ध गतिविधि न हो सके।
अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान सभी अधिकारी, सब-इंस्पेक्टर से लेकर कमांडेंट स्तर तक, खुद बॉर्डर पर मौजूद रहेंगे। किसी भी प्रकार की गतिविधि पर तुरंत प्रतिक्रिया देने के लिए क्यूआरटी (क्विक रिएक्शन टीम) तैयार रखी गई है।
BSF के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “ऑपरेशन अलर्ट का मकसद सिर्फ घुसपैठ रोकना नहीं, बल्कि सीमा पर सुरक्षा का ऐसा वातावरण तैयार करना है जिससे दुश्मन को कोई मौका ही न मिले। 15 अगस्त के मौके पर देश के लोग सुरक्षित तरीके से जश्न मना सकें, यह हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है।”
स्थानीय ग्रामीणों को भी सतर्क रहने और किसी संदिग्ध व्यक्ति या गतिविधि की जानकारी तुरंत बीएसएफ को देने की अपील की गई है। सीमा से लगे गांवों में BSF के जवान घर-घर जाकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं।
पिछले कुछ महीनों में पंजाब और जम्मू के बॉर्डर इलाकों में ड्रोन गतिविधियों में इजाफा हुआ है, जिसके चलते तारबंदी और उसके आसपास की सुरक्षा पर विशेष जोर दिया जा रहा है। BSF का मानना है कि इस तरह की सख्ती से किसी भी तरह की आतंकी या तस्करी की कोशिश को नाकाम किया जा सकेगा।
स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्व पर यह सुरक्षा कवच देश की सीमाओं को न सिर्फ सुरक्षित रखता है, बल्कि देशवासियों के भीतर यह भरोसा भी पैदा करता है कि सीमा पर तैनात जवान दिन-रात उनकी सुरक्षा के लिए डटे हुए हैं।