बठिंडा में नाबालिग को ब्लैकमेल कर किया दुष्कर्म, कांग्रेस पार्षद के पति पर केस दर्ज
बठिंडा :- बठिंडा में एक गंभीर अपराध सामने आया है, जिसमें नाबालिग लड़की को ब्लैकमेल कर दुष्कर्म करने का मामला दर्ज हुआ है। आरोपी हैं कांग्रेस नेता और वार्ड नंबर 23 की महिला पार्षद के पति, गुरप्रीत सिंह बंटी। इस घटना ने राज्य में सनसनी फैलाते हुए पुलिस और आम जनता दोनों को चौकन्ना कर दिया है।
जानकारी के अनुसार, पीड़ित नाबालिग की मां ने पुलिस को शिकायत दी कि गुरप्रीत सिंह बंटी का उनके घर आना-जाना था। लड़की स्थानीय शहर के एक प्रतिष्ठित कान्वेंट स्कूल में पढ़ती थी और उसकी दोस्ती एक लड़के से थी। आरोपी को इस दोस्ती की जानकारी लग गई और उन्होंने लड़की को धमकी देकर लगातार ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया।
शिकायत में बताया गया कि आरोपी ने नाबालिग के साथ संबंध बनाना शुरू कर दिया और एक अश्लील वीडियो भी बना लिया। इसके बाद आरोपी ने लड़की को मानसिक रूप से परेशान करना जारी रखा। यह मामला तब और गंभीर हो गया जब लड़की की बहन को आरोपी ने उस अश्लील वीडियो को भेज दिया। इस घटना के बाद परिवार ने पूरी कहानी का पता लगाया और पुलिस को शिकायत दर्ज कराई।
बठिंडा थाना कोतवाली पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया और कांग्रेस नेता को हिरासत में ले लिया। डीएसपी सिटी वन संदीप भाटी ने बताया कि यह कार्रवाई पीड़ित के परिजनों के बयान और उपलब्ध सबूतों के आधार पर की गई है। हालांकि, मामला हाई प्रोफाइल होने के कारण पुलिस अधिकारी अधिक जानकारी साझा करने से बच रहे हैं।
पीड़ित लड़की अब चंडीगढ़ की एक नामी यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रही है, लेकिन आरोपी लगातार उसे फोन कर मानसिक रूप से परेशान करता रहा। घटना ने न केवल परिवार को झकझोर कर रख दिया बल्कि स्थानीय समुदाय में भी भारी चिंता पैदा कर दी है। लोगों का कहना है कि ऐसे अपराध समाज में गंभीर चिंता का विषय हैं और इसमें दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिलनी चाहिए।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस मामले में बाल अधिकार और सुरक्षा कानूनों के तहत सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है। नाबालिगों के साथ अपराध करने वालों के खिलाफ त्वरित और प्रभावी कानूनी कार्रवाई ही उन्हें भविष्य में सुरक्षित रख सकती है।
इस मामले ने राजनीति और कानून की दृष्टि से भी चर्चा बढ़ा दी है, क्योंकि आरोपी की पत्नी कांग्रेस की पार्षद हैं। ऐसे मामलों में राजनीतिक दबाव और मीडिया कवरेज अधिक हो जाता है, जिससे पुलिस को अतिरिक्त सतर्क रहना पड़ता है।
कुल मिलाकर बठिंडा का यह मामला न केवल अपराध की गंभीरता को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि समाज और परिवार को बच्चों की सुरक्षा के लिए सतर्क रहना कितना महत्वपूर्ण है। पुलिस ने इस मामले में कदम उठाया है और अब देखना यह है कि न्याय की प्रक्रिया कितनी जल्दी पूरी होती है और दोषियों को सख्त सजा मिलती है।
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