फिर आई धमकी: हरमंदिर साहिब को उड़ाने की साजिश
फरीदाबाद से आईटी इंजीनियर गिरफ्तार, धमकी के बाद अलर्ट पर पंजाब पुलिस
पंजाब के धार्मिक और ऐतिहासिक गौरव श्री हरमंदिर साहिब (गोल्डन टेंपल) को लेकर एक बार फिर खतरे की घंटी बज उठी है। हाल ही में एक बार फिर मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी वाला ईमेल सामने आया है। इससे पहले इसी मामले में फरीदाबाद से एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर शुभम दुबे को गिरफ्तार किया गया था। लेकिन उसकी गिरफ्तारी के बाद भी धमकी रुकने का नाम नहीं ले रही है। शुक्रवार को आई इस ताज़ा धमकी ने प्रशासन और खुफिया एजेंसियों की चिंता को और बढ़ा दिया है।
गिरफ्तार किए गए शुभम दुबे के पास से पुलिस ने एक लैपटॉप, मोबाइल फोन और कुछ अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए हैं। इन सभी डिवाइसेज़ की गहनता से जांच की जा रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि वह अकेला काम कर रहा था या किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, शुभम दुबे तकनीकी रूप से काफी दक्ष है और वह सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफॉर्म्स के ज़रिये फर्जी मेल भेजने में सक्षम था।
शुभम की गिरफ्तारी के बाद माना जा रहा था कि धमकियों का सिलसिला थम जाएगा। लेकिन शुक्रवार को दोपहर एक बार फिर ऐसा ही ईमेल मिला, जिसमें आरडीएक्स बम का ज़िक्र करते हुए हरमंदिर साहिब को उड़ाने की धमकी दी गई। इस नए मेल ने एजेंसियों को चौंका दिया है और सवाल खड़ा कर दिया है कि कहीं शुभम के पीछे कोई और ताकत तो नहीं काम कर रही?
धमकी के बाद अमृतसर में सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है। पूरे मंदिर परिसर में विशेष सतर्कता बरती जा रही है। सीसीटीवी कैमरों की निगरानी बढ़ा दी गई है और मंदिर में आने-जाने वाले हर व्यक्ति की जांच की जा रही है। एनएसजी और स्पेशल टास्क फोर्स भी सक्रिय हो चुकी हैं।
पंजाब पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि धमकी को हल्के में नहीं लिया जा सकता। श्री हरमंदिर साहिब करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है और इसकी सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोई भी असामाजिक तत्व इस शांतिपूर्ण वातावरण को खराब न कर सके।
इस बीच, पुलिस आईटी एक्सपर्ट्स की मदद से यह भी पता लगाने में जुटी है कि ईमेल कहां से भेजा गया, उसका आईपी एड्रेस क्या है और क्या किसी फर्जी लोकेशन से इसका संचालन हो रहा है। धार्मिक संगठनों ने भी प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है और श्रद्धालुओं से संयम और सहयोग बनाए रखने की अपील की है। इस पूरे मामले ने एक बार फिर से साइबर सुरक्षा की गंभीरता और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को लेकर उठ रहे सवालों को सामने ला दिया है।
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