प्रशांत किशोर के लिए शराब है बहाना, असल में नीतीश हैं निशाना !
बोले- बिहार में शराब बंदी फेल, CM इसे कैसे कबूल सकते हैं?
पटना: बिहार में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर अपने लिए राजनीतिक जमीन तलाशते दिख रहे हैं। इसके लिए वो जन सुराज यात्रा निकाल रहे हैं। इस यात्रा के दौरान वो जदयू पर जमकर निशाना साध रहे हैं। प्रशांत किशोर शराबबंदी के मुद्दे पर नीतीश सरकार को घेर रहे हैं।
अपनी यात्रा के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में शराबबंदी फेल हो चुकी है, लेकिन नीतीश कुमार इस वास्तविकता को स्वीकार नहीं करना चाहते हैं। गुरुवार को हाजीपुर में अपने जनसुराज अभियान के दौरन एक सभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा- “बिहार में शराब पर प्रतिबंध लगाना पूरी तरह से विफल रहा है। पूर्ण शराबबंदी वाला राज्य होने के बावजूद जो चाहते हैं उन्हें आसानी से यहां शराब मिल जाती है।”
चुनावी रणनीतिकार ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधाते हुए कहा कि शराबबंदी के फेल होने को सीएम नहीं कबूल सकते हैं। वो लगातार इसे कवर करने का प्रयास कर रहे हैं। प्रशांत किशोर सभा में तो ये बोले ही, इसके अलावा उन्होंने ट्वीटर पर भी इससे संबंधित एक पोल पोस्ट किया है, जिसमें जनता से वो इस पर राय मांग रहे हैं।
प्रशांत किशोर के इस पोल पर मिली जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कुछ लोग नीतीश सरकार की बुराई कर रहे हैं तो कुछ प्रशांत किशोर पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं। एक ने तो इसी पोल के नीचे एक और पोल लगा दिया है कि क्या गुजरात में शराबबंदी फेल है? दरअसल गुजरात में भी शराबबंदी है, लेकिन वहां भी स्मलिंग धड़ल्ले से चलती रही है।
बात दें कि नीतीश सरकार ने बिहार में पांच अप्रैल 2016 से शराब पर प्रतिबंध लगा रखा है। राज्य के कानून के अनुसार शराब का निर्माण, व्यापार, भंडारण, परिवहन, बिक्री और सेवन कानूनी जूर्म है। इसके उल्लंघन करने पर कठोर सजा का भी प्रावधान है। तब से इस कानून में कई बार संशोधन भी किया जा चुका है।
हालांकि कानून के बाद भी राज्य में शराब की तस्करी जोरो पर है। यहां लगातार अवैध शराब की खेप बरामद होती रही है। कई बार तो जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत भी हो चुकी है।
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