पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने बच्चा लौटाया..
भारत की अदालतों का दुरुपयोग न करें: कोर्ट..
चंडीगढ़ : पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में एक बच्चे को उसकी कनाडाई मां को सौंपने का आदेश दिया है। अदालत ने इस मामले में साफ तौर पर कहा कि विदेशी नागरिक भारतीय न्यायपालिका का गलत इस्तेमाल नहीं कर सकते और इस प्रकार की कार्यवाही को ‘फोरम शॉपिंग’ की संज्ञा दी।
यह मामला एक अंतरराष्ट्रीय दंपत्ति से जुड़ा था, जिनका तलाक हो चुका है। बच्चा भारत में अपने भारतीय पिता के पास रह रहा था, जबकि मां कनाडा में रहती है और वहां की नागरिक है। मां ने अदालत का रुख कर अपने बेटे की कस्टडी की मांग की थी। मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पाया कि मां ने जानबूझकर भारत की अदालत का सहारा लिया, जबकि बच्चे की परवरिश और जीवन का अधिकांश हिस्सा कनाडा से जुड़ा है।
कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा कि यह मामला भारत में सुनवाई योग्य नहीं है क्योंकि इसका मुख्य संबंध कनाडा से है। अदालत ने यह भी टिप्पणी की कि यह ‘फोरम शॉपिंग’ का स्पष्ट उदाहरण है, जहां पक्षकार सिर्फ इसलिए भारत की अदालत का रुख करते हैं क्योंकि उन्हें उम्मीद होती है कि फैसला उनके पक्ष में आ सकता है।
कोर्ट ने यह भी रेखांकित किया कि बच्चे का सर्वोत्तम हित यही है कि वह अपनी मां के पास कनाडा में रहे क्योंकि वह वहीं पला-बढ़ा है और उसकी शिक्षा, स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति को देखते हुए यह निर्णय उपयुक्त है।
इस फैसले ने अंतरराष्ट्रीय बाल संरक्षण, विदेशी नागरिकों के अधिकार और भारत की न्याय व्यवस्था की सीमाओं को लेकर एक नई बहस को जन्म दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि विदेशी नागरिकों को भारत की अदालतों का दुरुपयोग नहीं करने दिया जाएगा और बच्चों के भविष्य को लेकर हर निर्णय बच्चे के हित को सर्वोपरि मानकर लिया जाएगा।
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