पंजाब लैंड पूलिंग पर SAD की आपात बैठक
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पंजाब लैंड पूलिंग पर SAD की इमरजेंसी बैठक

कोर कमेटी और जिला अध्यक्ष लेंगे महत्वपूर्ण फैसले, 18 महासचिवों की नियुक्ति

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पंजाब में भूमि पूलिंग पॉलिसी को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने इस मामले पर गंभीर चर्चा के लिए एक इमरजेंसी मीटिंग बुलाने का फैसला किया है। पार्टी ने स्पष्ट किया है कि इस बैठक में कोर-वर्किंग कमेटी, जिला प्रेसिडेंट और वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल होंगे। इसके साथ ही पार्टी ने 18 नए महासचिवों की नियुक्ति भी कर दी है, जिससे संगठन को और मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ाया गया है।

जानकारी के अनुसार, यह बैठक पंजाब में लागू की जा रही लैंड पूलिंग पॉलिसी के प्रभाव और उससे जुड़े मुद्दों पर केंद्रित होगी। SAD का मानना है कि यह नीति किसानों और जमीन मालिकों के लिए कई तरह की चुनौतियां पैदा कर सकती है। बैठक में सभी जिला अध्यक्ष और कोर कमेटी के सदस्य अपनी राय और सुझाव रखेंगे, ताकि आगे की रणनीति तय की जा सके।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि SAD अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल इस बैठक की अध्यक्षता करेंगे। बैठक में नीति के कानूनी पहलुओं, किसानों के हितों और जमीन अधिग्रहण के तरीकों पर चर्चा होगी। SAD का आरोप है कि मौजूदा सरकार किसानों से बिना उनकी सहमति के जमीन लेकर उन्हें आर्थिक और सामाजिक संकट में डाल रही है। पार्टी इसे किसानों के हक की लड़ाई मानते हुए हर स्तर पर विरोध करने की तैयारी कर रही है।

नए नियुक्त किए गए 18 महासचिवों की जिम्मेदारी होगी कि वे जिले और गांव स्तर पर पार्टी की नीतियों और आंदोलन की जानकारी लोगों तक पहुंचाएं। उन्हें यह भी निर्देश दिया गया है कि लैंड पूलिंग पॉलिसी से प्रभावित लोगों की समस्याओं को दस्तावेज के रूप में तैयार कर पार्टी नेतृत्व को सौंपें, ताकि भविष्य में सरकार के सामने ठोस सबूतों के साथ मुद्दा उठाया जा सके।

इस बैठक में आने वाले दिनों में पंजाब भर में आंदोलन की रूपरेखा भी तय होने की संभावना है। SAD का कहना है कि यदि सरकार किसानों और जमीन मालिकों की बात नहीं सुनेगी, तो वे शांतिपूर्ण लेकिन बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि लैंड पूलिंग पॉलिसी पंजाब की राजनीति में एक बड़ा मुद्दा बन सकती है। SAD इसे किसानों के हित में प्रमुख एजेंडे के रूप में पेश कर रही है और आने वाले चुनावों में इसे भुनाने की भी कोशिश करेगी।

अकाली दल की यह इमरजेंसी बैठक आने वाले दिनों में पंजाब की राजनीतिक दिशा तय करने में अहम भूमिका निभा सकती है। सभी की निगाहें अब इस बात पर टिकी हैं कि बैठक में क्या फैसले लिए जाते हैं और पार्टी आगे क्या कदम उठाती है।

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