पंजाब में शहीद रणबीर का अनोखा मंदिर
कारगिल हीरो रणबीर की होती है पूजा, देशभक्ति का प्रतीक बना मंदिर
गुरदासपुर (पंजाब) : जिले के एक छोटे से गांव तहलिया में स्थित है भारत का पहला ऐसा मंदिर, जहां भगवानों के साथ एक शहीद की भी पूजा होती है। यह मंदिर कारगिल युद्ध के हीरो शहीद लांस नायक रणबीर सिंह को समर्पित है, जिन्होंने 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान अदम्य साहस दिखाते हुए 25 पाकिस्तानी सैनिकों को मौत के घाट उतारा था। शहीद रणबीर सिंह भारतीय सेना की 8 जैकलाई रेजीमेंट में तैनात थे। उनके शौर्य को नमन करते हुए गांववालों ने उनके नाम पर मंदिर बनवाया, जहां आज भी हर दिन उनकी तस्वीर के सामने दिया जलता है और पूजा-अर्चना होती है। इस मंदिर में ग्रामीण श्रद्धा और सम्मान के साथ आते हैं, जैसे वे किसी देवी-देवता के दर्शन करने आए हों।
शहीद रणबीर सिंह का बलिदान 8 जून 1999 को हुआ था जब वे अपने साथियों के साथ बटालिक सेक्टर में तैनात थे। भारी गोलीबारी के बीच रणबीर सिंह ने अद्वितीय बहादुरी दिखाते हुए दुश्मनों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। लेकिन इस युद्ध में वे शहीद हो गए। जब उनका पार्थिव शरीर गांव लाया गया, तब पूरे गांव ने उन्हें भगवान का दर्जा दिया और उनकी याद में यह मंदिर बनवाया।
हर साल उनकी पुण्यतिथि पर मंदिर में विशेष भजन-कीर्तन होता है, जिसमें दूर-दूर से लोग शामिल होते हैं। ग्रामीणों का मानना है कि शहीद रणबीर सिंह की आत्मा आज भी गांव की रक्षा करती है। मंदिर के बाहर लगे बोर्ड पर लिखा है – “शहीद कभी मरते नहीं, वे अमर होते हैं।”
आज जब देशभक्ति की भावना को और मजबूत करने की जरूरत है, तब तहलिया गांव का यह मंदिर एक उदाहरण बन चुका है कि शहीदों को केवल याद ही नहीं, पूजा भी मिलनी चाहिए। युवा पीढ़ी के लिए यह मंदिर प्रेरणा का स्रोत है और यह संदेश देता है कि जो अपने देश के लिए जान देता है, वह किसी ईश्वर से कम नहीं होता।
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