पंजाब में बुलडोजर एक्शन, हाईकोर्ट में क्या होगा?
नशा तस्करों के 50 घर गिरे, सरकार पेश करेगी जवाब…..
पंजाब : में नशा तस्करों के खिलाफ सरकार की बुलडोजर कार्रवाई पर अब हाईकोर्ट में सुनवाई होने जा रही है। अब तक राज्य में 50 से अधिक नशा तस्करों के घरों को गिराया जा चुका है, जिसे लेकर कई विवाद खड़े हो गए हैं। सरकार ने इस कदम को नशा माफिया के खिलाफ एक बड़ा अभियान बताया है, जबकि प्रभावित परिवार इसे अन्याय करार दे रहे हैं। हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी किया था और अब सरकार को आज इस पर अपना जवाब दाखिल करना है।
सरकार का कहना है कि यह कार्रवाई केवल अवैध संपत्तियों के खिलाफ की जा रही है, जो नशे की तस्करी से अर्जित की गई थीं। प्रशासन के अनुसार, यह कदम राज्य को नशा मुक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है और आगे भी ऐसे ऑपरेशन जारी रहेंगे। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि पंजाब में नशे के कारोबार को पूरी तरह खत्म करने के लिए सरकार किसी भी हद तक जाने को तैयार है।
दूसरी ओर, इस कार्रवाई को लेकर राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों में असंतोष भी देखने को मिल रहा है। कई नेताओं का कहना है कि सरकार को इस तरह की कार्रवाई में पारदर्शिता बरतनी चाहिए और बिना ठोस प्रमाण के किसी की भी संपत्ति को ध्वस्त नहीं करना चाहिए। कुछ प्रभावित परिवारों ने अदालत का रुख किया है, जिसमें उन्होंने बिना किसी नोटिस के की गई कार्रवाई को अवैध बताया है।
हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान सरकार से यह पूछा जा सकता है कि क्या सभी प्रभावित लोगों को उचित कानूनी प्रक्रिया का अवसर दिया गया था। साथ ही, अदालत यह भी स्पष्ट कर सकती है कि भविष्य में ऐसी कार्रवाई किस तरह से की जाए ताकि कोई निर्दोष व्यक्ति इससे प्रभावित न हो।
पंजाब सरकार का यह बुलडोजर अभियान उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की तरह ही कानून व्यवस्था को मजबूत करने की नीति का हिस्सा माना जा रहा है। लेकिन क्या यह कदम न्यायसंगत है या नहीं, इस पर अब कानूनी बहस शुरू हो गई है। हाईकोर्ट का फैसला इस पूरे मामले पर बड़ा प्रभाव डाल सकता है और यह तय करेगा कि आगे इस तरह की कार्रवाई किस प्रकार होगी।
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