दिल्ली हारी, पंजाब की चिंता बढ़ी: AAP मीटिंग में केजरीवाल ने बदली रणनीति
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दिल्ली हारी, पंजाब की चिंता बढ़ी: AAP मीटिंग में केजरीवाल ने बदली रणनीति

फेस पॉलिटिक्स छोड़कर काम पर फोकस, 3 वजहें और 4 बड़ी चुनौतियां

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लुधियाना : दिल्ली नगर निगम चुनावों में हार के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) ने अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव किया है। पंजाब में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए पार्टी की अहम बैठक में केजरीवाल ने स्पष्ट कर दिया कि अब फेस पॉलिटिक्स (चेहरों पर निर्भरता) से दूर होकर सिर्फ काम पर फोकस किया जाएगा। इस बदलाव के पीछे तीन बड़ी वजहें और चार अहम चुनौतियां हैं, जिनका सामना AAP को करना होगा।

केजरीवाल ने बैठक में कहा कि दिल्ली की हार से सीख लेते हुए पंजाब में संगठन को मजबूत किया जाएगा। पार्टी अब जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं को अधिक महत्व देगी, जिससे आम जनता से सीधा जुड़ाव बढ़े। उन्होंने कहा कि सिर्फ चेहरों के भरोसे चुनाव लड़ने की बजाय अब विकास कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी। पंजाब में शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और रोजगार जैसे मुद्दों पर पार्टी पूरी ताकत से काम करेगी।

AAP के सामने चार बड़ी चुनौतियां भी हैं—पहली, पार्टी की गिरती लोकप्रियता को संभालना; दूसरी, विपक्षी दलों के बढ़ते प्रभाव को रोकना; तीसरी, कार्यकर्ताओं में बढ़ती असंतोष की भावना को खत्म करना; और चौथी, पंजाब में सरकार की छवि को मजबूत करना।

केजरीवाल की इस नई रणनीति से पार्टी का भविष्य क्या होगा, यह तो आने वाले समय में पता चलेगा, लेकिन एक बात साफ है कि AAP अब अपनी पुरानी गलतियों से सीखने की कोशिश कर रही है और

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