ट्रंप का नया टैरिफ़ फैसला, भारत की बढ़ी चिंता..
अमेरिकी व्यापार नीति में बदलाव से भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर…
नई दिल्ली: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और 2024 के चुनाव में फिर से प्रमुख दावेदार डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ़ को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है, जिससे भारत सहित कई देशों की चिंता बढ़ सकती है। ट्रंप ने संकेत दिया है कि यदि वे दोबारा राष्ट्रपति बनते हैं, तो वे चीन समेत कई देशों पर भारी टैरिफ़ लगा सकते हैं, जिसका असर अप्रत्यक्ष रूप से भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी पड़ सकता है।
ट्रंप की इस नीति का मुख्य उद्देश्य अमेरिका में स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देना और बाहरी देशों पर व्यापारिक निर्भरता को कम करना है। लेकिन इससे भारतीय निर्यातकों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है, खासकर टेक्सटाइल, आईटी, ऑटोमोबाइल, और फार्मा सेक्टर के व्यापारी इस फैसले से प्रभावित हो सकते हैं। भारत अमेरिका को बड़ी मात्रा में स्टील, एल्युमिनियम, फार्मास्युटिकल्स और टेक्नोलॉजी सर्विसेज का निर्यात करता है। अगर ट्रंप की नई टैरिफ़ नीति लागू होती है, तो इन उत्पादों पर शुल्क बढ़ सकता है, जिससे भारतीय कंपनियों की प्रतिस्पर्धा प्रभावित होगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप के इस फैसले से भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों में अस्थिरता आ सकती है। इससे पहले भी, ट्रंप ने अपने कार्यकाल के दौरान भारत को ‘डिवेलपिंग नेशन’ का दर्जा खत्म कर दिया था, जिससे कुछ व्यापारिक रियायतें खत्म हो गई थीं। अगर वे दोबारा सत्ता में आते हैं, तो यह मुमकिन है कि वे भारतीय व्यापार पर और अधिक प्रतिबंध लगाएं या टैरिफ़ बढ़ा दें।
वहीं, भारतीय सरकार ने इस मामले को लेकर सतर्क रुख अपनाया है। वाणिज्य मंत्रालय और वित्त मंत्रालय अमेरिकी नीति में संभावित बदलावों पर करीबी नजर बनाए हुए हैं। भारतीय कंपनियां भी इस फैसले के प्रभाव को समझने और संभावित विकल्प तलाशने में जुटी हैं।
हालांकि, कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर ट्रंप टैरिफ़ बढ़ाते हैं, तो भारत को अन्य बाजारों की ओर ध्यान देना होगा और यूरोपीय तथा एशियाई देशों के साथ अपने व्यापारिक संबंध मजबूत करने होंगे।
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