टेनिस का सबसे पुराना टूर्नामेंट विम्बलडन आज से शुरू
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टेनिस का सबसे पुराना टूर्नामेंट विम्बलडन आज से

जोकोविच 25वां ग्रैंड स्लैम जीतने का प्रयास करेंगे, 1887 से ट्रॉफी नहीं बदली; जानिए रोचक फैक्ट्स…..

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लंदन : टेनिस प्रेमियों के लिए साल का सबसे प्रतिष्ठित पल आ गया है। दुनिया का सबसे पुराना और ऐतिहासिक ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट विम्बलडन आज से शुरू हो गया है। यह टूर्नामेंट केवल खेल नहीं, बल्कि परंपरा, इतिहास और गौरव का प्रतीक माना जाता है।

वर्ष 1877 में शुरू हुआ विम्बलडन आज भी उसी गरिमा के साथ खेला जाता है। सबसे खास बात यह है कि यहां विजेताओं को मिलने वाली ट्रॉफी 1887 से अब तक नहीं बदली गई है। यह सिल्वर गिल्ट कप पुरुष विजेता को दिया जाता है, जिस पर यह लिखा होता है: “The All England Lawn Tennis Club Single Handed Championship of the World.”

इस बार सभी की नजरें सर्बिया के नोवाक जोकोविच पर टिकी हैं, जो अपना 25वां ग्रैंड स्लैम खिताब जीतने के इरादे से कोर्ट में उतरेंगे। अगर वह यह खिताब जीतते हैं, तो वह सबसे ज्यादा ग्रैंड स्लैम जीतने वाले पुरुष खिलाड़ी बन जाएंगे।

जोकोविच के अलावा स्पेन के युवा खिलाड़ी कार्लोस अल्कराज, रूस के मेदवेदेव और ग्रीस के सितसिपास जैसे खिलाड़ी भी खिताब के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। महिला वर्ग में इगा स्वियातेक, आर्यना सबालेंका और कोको गॉफ जैसे नाम चर्चा में हैं।

विम्बलडन की खासियत यह भी है कि यहां खिलाड़ी पूरी तरह सफेद कपड़े पहनते हैं यह परंपरा आज भी सख्ती से निभाई जाती है। दर्शकों को भी ड्रेस कोड का पालन करना होता है, खासकर रॉयल बॉक्स में बैठने वाले मेहमानों को।

टूर्नामेंट घास की कोर्ट पर खेला जाता है, जो इसे बाकी ग्रैंड स्लैम्स से अलग बनाता है। तेज़ गति वाला यह कोर्ट खिलाड़ियों की फुर्ती और रणनीति की असली परीक्षा लेता है।

हर साल लंदन के ऑल इंग्लैंड क्लब में होने वाला यह टूर्नामेंट न केवल खिलाड़ियों के लिए बल्कि दर्शकों के लिए भी एक उत्सव जैसा होता है। अब देखना होगा कि इतिहास के इस मंच पर कौन नया अध्याय जोड़ता है।

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