जालंधर : के ईसाई समुदाय को आखिरकार 7 साल के लंबे इंतजार के बाद नया बिशप मिल गया है। रोम से आधिकारिक घोषणा के तहत फादर जोस सेबेस्टियन को जालंधर डायोसिस का नया बिशप नियुक्त किया गया है। इस नियुक्ति से स्थानीय ईसाई समाज में खुशी की लहर है।
जालंधर डायोसिस का बिशप का पद पिछले 7 वर्षों से खाली था। इस दौरान कई बार चर्च स्तर पर चर्चा हुई लेकिन कोई स्थायी नियुक्ति नहीं हो पाई। अब रोम से आई इस घोषणा ने न केवल स्थानीय चर्च प्रशासन को स्थायित्व दिया है बल्कि ईसाई समाज को भी नई ऊर्जा से भर दिया है।
फादर जोस सेबेस्टियन को इस जिम्मेदारी के लिए चुना जाना कई मायनों में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वे चर्च में सेवा के लंबे अनुभव के साथ जाने जाते हैं। उनकी शिक्षण, समाजसेवा और आध्यात्मिक नेतृत्व में मजबूत पकड़ है। यही कारण है कि पोप फ्रांसिस ने उन्हें इस पद के लिए चुना।
जालंधर में ईसाई समुदाय की संख्या काफी अच्छी है और चर्च की गतिविधियां भी लगातार बढ़ती रही हैं। लेकिन स्थायी बिशप के अभाव में कुछ निर्णयों में रुकावट आ रही थी। अब फादर जोस के नेतृत्व में चर्च की सभी गतिविधियां नए सिरे से संगठित होंगी।
फादर जोस सेबेस्टियन ने कहा कि वे इस नई जिम्मेदारी को एक सेवा के रूप में देख रहे हैं। वे समाज के सभी वर्गों के साथ समन्वय बनाकर काम करना चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वे शिक्षा, स्वास्थ्य और गरीबों की सेवा को प्राथमिकता देंगे।
स्थानीय चर्च में जल्द ही फादर जोस के आधिकारिक पदभार ग्रहण समारोह का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। समाज के तमाम वर्ग इस ऐतिहासिक क्षण का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
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