चंडीगढ़ निगम के आउटसोर्स कर्मचारियों की नौकरी पर संकट, IIPA करेगी जांच
IIPA छह महीने में देगी रिपोर्ट, नौकरी के नाम पर वसूली का बड़ा खुलासा, आउटसोर्स कर्मचारियों की छंटनी का खतरा बढ़ा……
चंडीगढ़ : नगर निगम के आउटसोर्स कर्मचारियों की नौकरी पर बड़ा संकट मंडरा रहा है। नौकरी के नाम पर कथित वसूली और अन्य अनियमितताओं की जांच के लिए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन (IIPA) को जिम्मेदारी सौंपी गई है। IIPA आगामी छह महीने में इस पूरे मामले की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंपेगा।
सूत्रों के अनुसार, निगम में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये की वसूली की गई है। आरोप है कि कई ठेकेदार और अधिकारी इस गड़बड़ी में शामिल हैं। निगम प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच का आदेश दिया है और IIPA को निष्पक्ष जांच करने की जिम्मेदारी दी गई है।
नगर निगम में कार्यरत हजारों आउटसोर्स कर्मचारियों को डर सता रहा है कि कहीं जांच के नाम पर उनकी नौकरी खतरे में न पड़ जाए। हाल ही में कई कर्मचारियों ने इस मुद्दे को लेकर विरोध प्रदर्शन भी किया और निगम प्रशासन से न्याय की मांग की।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर जांच में वसूली के आरोप सही साबित होते हैं, तो दोषी ठेकेदारों और अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है। साथ ही, जिन कर्मचारियों की भर्ती में अनियमितताएं पाई जाएंगी, उनकी सेवाएं भी समाप्त की जा सकती हैं। इससे बड़ी संख्या में आउटसोर्स कर्मचारियों की रोजी-रोटी पर असर पड़ सकता है।
चंडीगढ़ नगर निगम पहले भी कई बार भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोपों में घिरा रहा है, लेकिन यह मामला सीधे कर्मचारियों की नौकरी से जुड़ा होने के कारण और भी संवेदनशील बन गया है। अब सभी की नजरें IIPA की रिपोर्ट पर टिकी हैं, जिससे यह साफ होगा कि कौन दोषी है और आगे क्या कार्रवाई होगी।
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