खरड़ मास्टर प्लान की देरी पर सजा क्यों?
हाईकोर्ट ने दिखाई सख्ती, 3 अफसरों की सैलरी रोकी, नए प्रोजेक्ट्स पर लगाई रोक….
पंजाब / हरियाणा : हाईकोर्ट ने खरड़ मास्टर प्लान में हो रही लगातार देरी पर कड़ा रुख अपनाते हुए प्रशासन को फटकार लगाई है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जब पुराने आदेशों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा तो नए काम शुरू करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। इसी के साथ हाईकोर्ट ने तीन बड़े अफसरों की सैलरी रोकने का आदेश जारी किया है।
मास्टर प्लान, जो शहर की सुनियोजित विकास प्रक्रिया का आधार होता है, कई महीनों से लटक रहा है। हाईकोर्ट पहले भी प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दे चुका है कि शहर की जमीनों, निर्माण और विकास कार्यों की योजना जल्द से जल्द सार्वजनिक की जाए ताकि अवैध निर्माणों और अनियोजित शहरीकरण को रोका जा सके। मगर इसके बावजूद अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई, जिससे कोर्ट नाराज है।
कोर्ट ने कहा कि सरकारी अफसर बार-बार निर्देशों की अनदेखी कर रहे हैं जो प्रशासनिक जिम्मेदारी की खुली अनदेखी है। इस वजह से न सिर्फ जनता को नुकसान हो रहा है बल्कि विकास कार्य भी ठप हो गए हैं। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि जब तक मास्टर प्लान को अंतिम रूप नहीं दिया जाता, तब तक किसी भी नए सरकारी या निजी प्रोजेक्ट को स्वीकृति नहीं मिलेगी।
इस फैसले के बाद खरड़ में चल रहे कई निर्माण और योजनाएं प्रभावित हो सकती हैं। खासकर बिल्डरों और निवेशकों में बेचैनी देखी जा रही है क्योंकि उन्हें अब अनिश्चितता का सामना करना पड़ेगा। कोर्ट के इस रुख से साफ है कि अब बिना योजना और पारदर्शिता के कोई भी विकास कार्य नहीं चल पाएगा।
प्रशासन की तरफ से कोर्ट को आश्वासन दिया गया है कि मास्टर प्लान की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा और आगामी सुनवाई तक विस्तृत रिपोर्ट पेश की जाएगी। इस फैसले को जनता के हित में माना जा रहा है क्योंकि इससे अनियोजित विकास पर लगाम लगेगी और शहर के ढांचे को स्थिर दिशा में ले जाने का मार्ग खुलेगा।
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