मोहाली : पंजाबऔर हरियाणा हाईकोर्ट ने मोहाली में सार्वजनिक रास्तों और जमीन पर अवैध रूप से बने मंदिरों और गुरुद्वारों को हटाने का सख्त आदेश दिया है। कोर्ट ने प्रशासन को इस कार्यवाही के लिए चार सप्ताह का समय दिया है। यह फैसला उस याचिका के बाद आया जिसमें आरोप लगाया गया था कि शहर में कई स्थानों पर धार्मिक ढांचे अवैध तरीके से बनाए गए हैं और उन्होंने रास्तों और सार्वजनिक स्थानों पर कब्जा कर रखा है, जिससे आम लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है।
कोर्ट ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए स्पष्ट किया कि धार्मिक आस्था के नाम पर कानून का उल्लंघन नहीं हो सकता। सार्वजनिक रास्तों पर अवैध निर्माण करना न सिर्फ गैरकानूनी है, बल्कि यह जनसुविधा में बाधा भी बनता है। अदालत ने जिला प्रशासन और स्थानीय निकायों को निर्देश दिए हैं कि वे उन सभी अवैध धार्मिक निर्माणों की सूची तैयार करें जो बिना अनुमति के बने हैं और जिन्हें हटाया जाना जरूरी है।
मोहाली के विभिन्न इलाकों में ऐसे कई मंदिर और गुरुद्वारे हैं जो वर्षों से सड़क किनारे या पार्कों की जमीन पर बने हुए हैं। स्थानीय लोग भी इन ढांचों के कारण ट्रैफिक जाम, पैदल चलने में असुविधा और अन्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं। याचिका में यह भी कहा गया था कि इन अवैध ढांचों के पीछे कुछ राजनीतिक संरक्षण भी है, जिसके कारण इन्हें हटाने में प्रशासन संकोच कर रहा है।
हालांकि, हाईकोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि इस प्रक्रिया में किसी समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत न किया जाए और कार्रवाई शांतिपूर्ण ढंग से की जाए। प्रशासन को इस बात का भी ध्यान रखने को कहा गया है कि यदि किसी वैध धार्मिक स्थान को हटाना आवश्यक हो तो उसे उचित स्थान पर स्थानांतरित करने की व्यवस्था की जाए।
इस आदेश के बाद अब मोहाली प्रशासन के सामने एक बड़ी चुनौती है क्योंकि धार्मिक मुद्दे पर कार्रवाई करना हमेशा संवेदनशील माना जाता है। फिर भी हाईकोर्ट का यह निर्देश साफ संदेश देता है कि कानून का पालन सर्वोपरि है।
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