क्या पंजाब में नशे पर लगेगा होमगार्ड्स का पहरा..
पांच हजार होमगार्ड बीएसएफ संग बॉर्डर पर संभालेंगे मोर्चा…
पंजाब : में नशे की बढ़ती समस्या को रोकने के लिए सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य में पहली बार ड्रग सेंसस करवाया जाएगा, जिस पर 150 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा, बॉर्डर पर नशे की तस्करी रोकने के लिए पांच हजार होमगार्ड जवानों को तैनात किया जाएगा, जो बीएसएफ के साथ मिलकर काम करेंगे। यह कदम राज्य में नशा रोकथाम के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
पंजाब सरकार ने बुधवार को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 2,36,080 करोड़ रुपये का बजट पेश किया, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास कार्यों पर विशेष जोर दिया गया है। वित्तमंत्री हरपाल सिंह चीमा ने विधानसभा में बजट पेश करते हुए बताया कि राज्य में कोई नया टैक्स नहीं लगाया गया है, जिससे जनता पर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा।
सरकार ने मुख्यमंत्री सरबत सेहत बीमा योजना के तहत पंजाब के सभी 65 लाख परिवारों को 10 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा कवर देने की घोषणा की है। यह योजना सभी वर्गों के लोगों को लाभान्वित करेगी और उन्हें बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराएगी।
नशे की समस्या से निपटने के लिए सरकार ने न केवल ड्रग सेंसस शुरू करने का फैसला किया है, बल्कि बॉर्डर पर नशा रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की योजना भी बनाई है। पांच हजार होमगार्ड जवानों को बॉर्डर पर तैनात किया जाएगा, जो बीएसएफ के साथ मिलकर सेकंड लाइन डिफेंस के रूप में काम करेंगे। यह फैसला राज्य में ड्रग तस्करी पर लगाम लगाने में मदद करेगा और सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा को और मजबूत बनाएगा।
विकास कार्यों पर जोर देते हुए सरकार ने प्रत्येक विधायक को पांच करोड़ रुपये देने की घोषणा की है, जिससे उनके क्षेत्रों में विकास कार्यों को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, शिक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए सरकार ने इन क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने की योजना बनाई है।
राज्य सरकार का मानना है कि ये फैसले पंजाब को नशामुक्त और विकसित राज्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। नशे की समस्या पर काबू पाने के लिए पुलिस, बीएसएफ और होमगार्ड के बीच समन्वय बढ़ाया जाएगा, ताकि ड्रग माफियाओं पर सख्त कार्रवाई की जा सके।
पंजाब सरकार के इस फैसले को लेकर जनता में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कुछ लोगों का मानना है कि यह कदम नशे की समस्या को हल करने में मदद करेगा, जबकि कुछ लोग इसे केवल चुनावी रणनीति बता रहे हैं।
बहरहाल, अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि सरकार का यह फैसला जमीनी स्तर पर कितना प्रभावी साबित होगा। क्या पांच हजार होमगार्ड और बीएसएफ की यह संयुक्त रणनीति पंजाब में नशे के जाल को तोड़ने में सफल होगी या नहीं, यह आने वाला समय बताएगा।
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