क्या नए जजों की नियुक्ति से न्याय प्रणाली में सुधार होगा?
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क्या नए जजों की नियुक्ति से न्याय प्रणाली सुधरेगी..

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की मंजूरी, हाईकोर्ट को तीन स्थायी जज….

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मोहाली : पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में न्याय प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने तीन नए स्थायी जजों की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। इन जजों में दो महिला न्यायाधीश भी शामिल हैं, जिससे महिला प्रतिनिधित्व को और बढ़ावा मिलेगा। यह फैसला हाल ही में हुई कॉलेजियम बैठक में लिया गया, जहां न्यायपालिका में सुधार और लंबित मामलों को कम करने पर विशेष चर्चा की गई।

न्यायपालिका में जजों की कमी के कारण पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में हजारों मामले लंबित हैं। इस नई नियुक्ति से उम्मीद की जा रही है कि फैसले तेजी से होंगे और जनता को न्याय मिलने में देरी नहीं होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि महिला न्यायाधीशों की बढ़ती संख्या से महिला अधिकारों और लैंगिक न्याय को भी मजबूती मिलेगी।

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा मंजूर किए गए प्रस्ताव के तहत यह नियुक्तियां जल्द लागू होंगी। इस फैसले के बाद बार काउंसिल और वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने खुशी जताई है। उनका मानना है कि नए न्यायाधीशों की नियुक्ति से न्याय प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी और पीड़ितों को समय पर न्याय मिलेगा।

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में पहले से ही जजों की कमी महसूस की जा रही थी, जिससे अदालतों में मामलों का निपटारा देरी से हो रहा था। इन नियुक्तियों से हाईकोर्ट में काम का दबाव कम होगा और कानूनी प्रक्रिया सुगम बनेगी। सरकार और न्यायपालिका दोनों ही कोशिश कर रहे हैं कि न्यायिक व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाया जाए ताकि लंबित मामलों को जल्द निपटाया जा सके।

इस फैसले से कानूनी संगठनों और आम नागरिकों ने भी राहत की सांस ली है। न्यायिक विशेषज्ञों का कहना है कि यह सिर्फ एक शुरुआत है और आने वाले समय में और भी जजों की नियुक्ति की जानी चाहिए। सभी की नजरें अब इस पर होंगी कि नए जज अपने कार्यकाल में कितनी तेजी से न्यायिक सुधार ला पाते हैं और लंबित मामलों को सुलझाने में कितने प्रभावी साबित होते हैं।

 

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