क्या टाटा के इस गिरते शेयर पर अब दांव लगाना फायदेमंद रहेगा या नहीं..
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क्या टाटा के इस गिरते शेयर पर अब दांव लगाना फायदेमंद रहेगा या नहीं..

140 रुपये तक लुढ़का टाटा का शेयर, निवेशकों में मची हलचल, जानिए क्या है सही रणनीति…

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टाटा समूह के एक प्रमुख शेयर में बीते कुछ दिनों में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली है। यह शेयर अब 140 रुपये के स्तर तक आ चुका है, जिससे निवेशकों में बेचैनी का माहौल बन गया है। जिन लोगों ने इस स्टॉक को ऊंचे स्तरों पर खरीदा था, वे अब असमंजस में हैं कि क्या इस पर और निवेश किया जाए या नुकसान से बचने के लिए इसे बेच दिया जाए। बाजार विश्लेषकों के अनुसार इस शेयर की मौजूदा स्थिति अल्पकालिक दबाव का संकेत देती है, लेकिन दीर्घकालिक दृष्टिकोण से यह अभी भी मजबूत संभावनाओं वाला स्टॉक बना हुआ है।

यह शेयर टाटा पावर का है, जो भारत की अग्रणी ऊर्जा कंपनियों में से एक है। टाटा पावर के शेयरों में आई यह गिरावट घरेलू और वैश्विक दोनों कारकों का परिणाम मानी जा रही है। हाल ही में कंपनी की तिमाही आय अनुमान से थोड़ी कम रही, जिससे बाजार की प्रतिक्रिया नकारात्मक रही। इसके अलावा, बिजली सेक्टर में सरकार द्वारा सब्सिडी में कटौती और इनपुट कॉस्ट में बढ़ोतरी ने भी इस स्टॉक पर दबाव बनाया है।

फिर भी, टाटा पावर की नींव मजबूत मानी जाती है। कंपनी की रूफटॉप सोलर, ईवी चार्जिंग स्टेशन और ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट्स में निरंतर विस्तार इसे भविष्य के लिए तैयार कर रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि मौजूदा गिरावट एक अस्थायी स्थिति हो सकती है और लॉन्ग टर्म निवेशक इसे एक मौका मान सकते हैं। 140 रुपये का भाव एक तरह से आकर्षक वैल्यूएशन पर निवेश का अवसर हो सकता है, खासकर उनके लिए जो बिजली और ग्रीन एनर्जी क्षेत्र में विश्वास रखते हैं।

कुछ ब्रोकरेज फर्मों ने इसे “बाय ऑन डिप्स” की रणनीति से जोड़ते हुए निवेश की सलाह दी है। वहीं, अल्पकालिक निवेशकों को सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है क्योंकि बाजार में उतार-चढ़ाव बने रहने की संभावना है। अगर बाजार में वैश्विक स्तर पर अस्थिरता बढ़ती है तो इस शेयर पर और दबाव बन सकता है।

बाजार विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि टाटा जैसे समूह की कंपनियों पर भरोसा किया जा सकता है क्योंकि इनका ट्रैक रिकॉर्ड और प्रबंधन क्षमता मजबूत है। हालांकि, किसी भी निवेश निर्णय से पहले व्यक्तिगत वित्तीय लक्ष्यों और जोखिम क्षमता का मूल्यांकन जरूरी होता है।

इस गिरावट ने निवेशकों को एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है—क्या यह मौका है खरीदने का या खतरा है और नुकसान का? लेकिन जो निवेशक लंबी अवधि के नजरिए से बाजार में बने रहते हैं, उनके लिए यह गिरावट एक अवसर साबित हो सकती है।

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