क्या आज चैत्र नवरात्रि की महाअष्टमी है..
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क्या आज चैत्र नवरात्रि की महाअष्टमी है..

जानिए पूजन विधि और कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त….

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आज चैत्र नवरात्रि की महाअष्टमी तिथि है, जिसे हिंदू धर्म में अत्यंत पावन और शक्तिशाली दिन माना जाता है। इस दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है, जो देवी दुर्गा के आठवें स्वरूप के रूप में जानी जाती हैं। महाअष्टमी का विशेष महत्व है क्योंकि इसी दिन भक्तजन कन्या पूजन करते हैं और मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजन विधि अपनाई जाती है।

चैत्र नवरात्रि, जो वसंत ऋतु में मनाई जाती है, नव संवत्सर की शुरुआत का प्रतीक भी होती है। इस बार 2025 में महाअष्टमी तिथि 5 अप्रैल को पड़ रही है और इसे लेकर भक्तों में जबरदस्त उत्साह है। मंदिरों में विशेष सजावट की गई है और घरों में भी श्रद्धालु व्रत रखकर मां दुर्गा की पूजा कर रहे हैं।

महाअष्टमी पर सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करने के बाद मां दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर के सामने दीपक जलाया जाता है। पूजा में नारियल, पुष्प, चावल, अक्षत, लाल वस्त्र, और प्रसाद का उपयोग किया जाता है। इस दिन हवन का भी विशेष महत्व होता है। कई स्थानों पर सामूहिक हवन का आयोजन किया जाता है, जिसमें दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाता है।

महाअष्टमी का सबसे विशेष आयोजन होता है कन्या पूजन। इसे “कन्या भोज” भी कहा जाता है। इसमें 2 से 10 वर्ष की नौ कन्याओं को देवी स्वरूप मानकर पूजित किया जाता है। उन्हें पाँव धोकर बिठाया जाता है, तिलक लगाया जाता है और फिर उन्हें स्वादिष्ट भोजन व उपहार दिए जाते हैं। मान्यता है कि यह पूजन मां दुर्गा को अति प्रिय है और इससे घर में सुख, समृद्धि व शांति आती है।

कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त –
इस वर्ष कन्या पूजन का शुभ समय प्रातः 9:12 बजे से लेकर दोपहर 12:45 बजे तक रहेगा। इस मुहूर्त में पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति मानी जाती है।

देशभर में खासकर उत्तर भारत के राज्यों में महाअष्टमी को लेकर विशेष श्रद्धा देखी जा रही है। मंदिरों में भक्तों की लंबी कतारें लगी हैं, वहीं कई जगहों पर देवी जागरण व भंडारों का भी आयोजन किया गया है। लोग व्रत रखकर मां दुर्गा से सुख-समृद्धि, परिवार की सुरक्षा और मनोकामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना कर रहे हैं।

महाअष्टमी का दिन केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। यह दिन शक्ति की आराधना, बालिकाओं के सम्मान और परंपराओं से जुड़े हमारे भारतीय मूल्यों को और गहराई से महसूस करने का अवसर प्रदान करता है।

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