राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार ने एक ऐसा ऐतिहासिक फैसला लिया है जिससे न जाने कितने परिवारों को नई उम्मीद मिलेगी। अनुकंपा नियुक्ति की राह में अब वो लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। सरकार ने अनुकंपा नियुक्ति के नियमों में बदलाव करते हुए यह तय किया है कि अब मृत सरकारी कर्मचारियों के आश्रितों को दो साल पहले नियुक्ति दी जाएगी।
अब तक होता यह था कि जब किसी सरकारी कर्मचारी की मृत्यु होती थी तो उनके परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति के लिए कई सालों तक नियमों और फॉर्मेलिटीज की उलझनों में फंसा रहना पड़ता था। इस दौरान परिवार को ना केवल आर्थिक परेशानी झेलनी पड़ती थी, बल्कि मानसिक तौर पर भी वो थक जाते थे। लेकिन अब इस नए बदलाव से वो इंतजार छोटा हो गया है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने यह घोषणा करते हुए कहा कि यह कदम सरकारी कर्मचारियों की सेवाओं के प्रति सम्मान है और उनके परिवारों के भविष्य को सुरक्षित करने का प्रयास भी। उन्होंने यह भी बताया कि यह फैसला राज्य के हजारों ऐसे परिवारों के लिए उम्मीद की किरण साबित होगा, जो किसी प्रियजन को खोने के बाद जीवन की जद्दोजहद में अकेले रह जाते हैं।
राज्य सरकार ने नियमों में तकनीकी बदलाव कर दिए हैं, जिससे अब आवेदन प्रक्रिया और जांच प्रक्रिया में लगने वाला समय भी घटेगा। यह फैसला विशेष रूप से उन युवाओं के लिए राहत भरा होगा जो अपने पिता या माता की सरकारी नौकरी की मृत्यु के बाद खुद को बेरोजगारी के भंवर में पाते हैं।
जयपुर निवासी मीनाक्षी, जिनके पिता की हाल ही में मृत्यु हुई, ने सरकार के इस कदम का स्वागत करते हुए कहा, “अब हमें वर्षों तक बेसब्री से नौकरी का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। कम से कम हम अपने पैरों पर जल्द खड़े हो सकेंगे।” सरकार का यह निर्णय सामाजिक न्याय की दिशा में एक बड़ा और साहसी कदम माना जा रहा है। इस फैसले से जहां एक ओर सरकारी सेवा में कार्यरत कर्मचारियों में विश्वास और सुरक्षा की भावना बढ़ेगी, वहीं दूसरी ओर आमजन भी यह महसूस करेगा कि सरकार उनके साथ खड़ी है।
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