West Bengal Assembly में हंगामा: भाजपा और तृणमूल विधायकों के बीच धक्का-मुक्की, शंकर घोष सस्पेंड
शुभेंदु अधिकारी के बाद अब भाजपा के चीफ व्हिप शंकर घोष भी निलंबित…..
कोलकाता (पश्चिम बंगाल): पश्चिम बंगाल विधानसभा में गुरुवार को भारी हंगामा देखने को मिला। मुख्य सचेतक और भाजपा के चीफ व्हिप शंकर घोष को निलंबित किए जाने के बाद भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के विधायकों के बीच सदन में झड़प हुई। स्थिति इतनी बिगड़ी कि मार्शल और सुरक्षा कर्मियों को घोष को बाहर निकालने के लिए हस्तक्षेप करना पड़ा।
भाजपा विधायकों ने शंकर घोष को घेरे रखा और उन्हें बाहर जाने से रोकने लगे। शंकर घोष भी अपनी सीट पर डटे रहे, जिसके कारण सदन में धक्का-मुक्की शुरू हो गई। इस दौरान भाजपा विधायकों ने नारेबाजी की और शुभेंदु अधिकारी के निलंबन के मुद्दे पर सवाल उठाए।
घटना उस समय शुरू हुई जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बंगाली भाषा और बंगालियों के अपमान के विरोध में भाषण दे रही थीं। भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल को बोलने का समय कम दिया गया, जिसके बाद विधायक शोर-शराबा करने लगे। मुख्यमंत्री के भाषण के दौरान शंकर घोष ने लगातार नारेबाजी की और सदन की कार्यवाही बाधित की।
अंततः स्पीकर ने शंकर घोष को सस्पेंड कर दिया, लेकिन वे अपनी सीट से हटने को तैयार नहीं हुए। भाजपा विधायकों ने उन्हें घेर लिया और सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें बाहर निकालने की कोशिश की। धक्का-मुक्की के बीच मुख्यमंत्री खुद सदन में उतरीं और विधायकों को अपनी-अपनी सीट पर बैठने का निर्देश दिया।
भाजपा के निलंबन और सदन में हंगामे के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा और केंद्रीय नेतृत्व पर बंगाल विरोधी होने और बंगालियों के उत्पीड़न का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि केंद्र की सरकार जल्द ही गिर जाएगी।
वहीं, विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी और उनके प्रशासन पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया और कहा कि पश्चिम बंगाल विधानसभा में लोकतंत्र खतरे में है