SYL नहर विवाद फिर गरमाया दिल्ली में
पंजाब-हरियाणा आमने-सामने, नए जल शक्ति मंत्री आज करेंगे पहली बार मध्यस्थता…….
पंजाब-हरियाणा : देश के सबसे पुराने और विवादित मुद्दों में से एक सतलुज-यमुना लिंक (SYL) नहर विवाद एक बार फिर दिल्ली में गरमा गया है। केंद्र सरकार ने पंजाब और हरियाणा के बीच लंबे समय से चले आ रहे इस विवाद को सुलझाने के लिए आज अहम बैठक बुलाई है। खास बात यह है कि यह बैठक नए जल शक्ति मंत्री की अध्यक्षता में हो रही है, जो पहली बार इस विवाद में मध्यस्थता की भूमिका निभाएंगे।
दोनों राज्यों के प्रतिनिधि दिल्ली पहुंच चुके हैं और माहौल फिर से तनावपूर्ण होता नजर आ रहा है। पंजाब लगातार कहता आया है कि उसके पास जल संसाधन सीमित हैं और वह अतिरिक्त पानी नहीं दे सकता, जबकि हरियाणा का तर्क है कि उसे न्यायसंगत जल हिस्सा नहीं मिल रहा है। इस मुद्दे ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है, क्योंकि दोनों राज्यों की सरकारें इस विषय पर जनता के बीच सख्त रुख अपनाए हुए हैं।
पूर्व में कई बार सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार ने मध्यस्थता की कोशिश की लेकिन कोई ठोस हल नहीं निकल पाया। आज की बैठक में उम्मीद जताई जा रही है कि नए केंद्रीय मंत्री कोई ठोस समाधान की दिशा में पहल करेंगे। जल शक्ति मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, बैठक में तकनीकी विशेषज्ञों की टीम भी मौजूद रहेगी जो जल वितरण, भौगोलिक परिस्थिति और नहर निर्माण की स्थिति पर प्रस्तुति देगी।
हालांकि पंजाब के प्रतिनिधियों का कहना है कि राज्य की नदियां पहले ही काफी दबाव में हैं और जनसंख्या वृद्धि के कारण जल संकट और गहराता जा रहा है। वहीं हरियाणा इस बैठक को निर्णायक मान रहा है और चाहता है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार उसे जल्द पानी मिले।
बैठक से पहले ही दोनों राज्यों में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। पंजाब और हरियाणा के किसान संगठन भी इस मुद्दे को लेकर सतर्क हैं और किसी भी संभावित निर्णय के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की तैयारी में हैं। दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है ताकि किसी तरह की अस्थिरता ना फैले।
अब देखना होगा कि नए जल शक्ति मंत्री इस सालों पुराने विवाद में क्या नया मोड़ ला पाते हैं और क्या यह बैठक समाधान की ओर एक निर्णायक कदम साबित होती है या फिर यह भी केवल औपचारिक चर्चा बनकर रह जाती है।