SKM की चंडीगढ़ में सर्वदलीय बैठक आज
सुबह 11 बजे सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को बुलाया गया, दोपहर 2.30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे संयुक्त किसान मोर्चा के नेता
चंडीगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) आज, यानी बुधवार को चंडीगढ़ में एक अहम सर्वदलीय बैठक करने जा रहा है। यह बैठक सुबह 11 बजे शुरू होगी, जिसमें देश की विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं को आमंत्रित किया गया है। किसान आंदोलन से जुड़े मुद्दों और केंद्र सरकार की नीतियों को लेकर यह मीटिंग बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इसके बाद दोपहर 2:30 बजे SKM की ओर से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की जाएगी, जिसमें आगे की रणनीति को लेकर जानकारी दी जाएगी।
बैठक का आयोजन ऐसे समय पर हो रहा है जब देश में एक बार फिर किसानों की समस्याएं चर्चा में हैं। खासतौर पर एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर कानून बनाने की मांग, बिजली संशोधन बिल, पराली जलाने पर दंड और अन्य कई मुद्दों पर किसान संगठनों में नाराजगी बनी हुई है। संयुक्त किसान मोर्चा इन मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति पर विचार कर रहा है।
SKM के नेताओं ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि यह सिर्फ किसानों का नहीं, बल्कि आम जनता से जुड़े मुद्दों की भी लड़ाई है। महंगाई, बेरोजगारी और निजीकरण जैसे विषयों को भी बैठक में उठाया जाएगा। साथ ही, आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को ध्यान में रखते हुए SKM राजनीतिक दलों से यह भी आग्रह कर सकता है कि वे अपने घोषणा पत्रों में किसानों की मांगों को शामिल करें।
बैठक में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों के किसान नेता शामिल होंगे। इसके अलावा कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, शिरोमणि अकाली दल, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, समाजवादी पार्टी और अन्य प्रमुख दलों के प्रतिनिधि भी इस मीटिंग में भाग ले सकते हैं। हालांकि, बीजेपी को इस बैठक में नहीं बुलाया गया है, जिससे संकेत मिलता है कि किसान संगठनों और सरकार के बीच अभी भी दूरी बनी हुई है।
किसान नेताओं का कहना है कि सरकार ने तीन कृषि कानून तो वापस ले लिए थे, लेकिन वादे के मुताबिक MSP पर कानून बनाने, किसानों पर दर्ज केसों को वापस लेने और आंदोलन में मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने जैसे कई वादे अब तक पूरे नहीं हुए हैं। ऐसे में SKM अब एक बार फिर जन समर्थन जुटाने और सरकार पर दबाव बनाने के लिए अपनी रणनीति को धार देने की तैयारी कर रहा है।
आज की बैठक और प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए SKM अपने भविष्य के आंदोलन और कार्ययोजना की घोषणा कर सकता है। अब देखना होगा कि राजनीतिक दल किस हद तक किसानों की मांगों के साथ खड़े होते हैं और SKM की इस कवायद का क्या असर पड़ता है।
Comments are closed.