राजपुर विधानसभा सीट: BJP और JDU ने सबसे ज्यादा मौके पाए, क्या तेजस्वी की पार्टी इस बार खोलेगी खाता?
राजपुर में सियासी दलों का उतार-चढ़ाव जारी; सबसे ज्यादा जीत JDU की....
बक्सर, बिहार : राजपुर विधानसभा क्षेत्र का राजनीतिक इतिहास उतार-चढ़ाव से भरा रहा है। यहाँ जनता पार्टी, कांग्रेस, भाजपा, CPI, BSP, JDU और RJD जैसे कई दलों ने समय-समय पर जीत हासिल की है। 2020 में कांग्रेस के विश्वनाथ राम ने JDU के संतोष कुमार निराला को हराया था। इतिहास में JDU ने इस सीट पर सबसे अधिक बार जीत हासिल की है, जबकि कई नेता जैसे CPI के धर्मराज पासवान और RJD के कामाख्या नारायण narrowly हार गए।
गठन और शुरुआती इतिहास
राजपुर का गठन नावानगर (अजा) सीट के समाप्त होने के बाद हुआ था। पहले क्रमशः नावानगर सामान्य और उससे पहले इटाढ़ी निर्वाचन क्षेत्र अस्तित्व में थे। वर्तमान में राजपुर सीट में राजपुर और इटाढ़ी प्रखंड, और डुमरांव प्रखंड की छह पंचायतें शामिल हैं।
मुख्य चुनाव परिणाम
1977: जनता पार्टी के नंद किशोर प्रसाद ने 19,009 वोटों के साथ CPI के धर्मराज पासवान को 2,204 वोटों से हराया।
1980: कांग्रेस (I) के चतुरी राम ने धर्मराज पासवान को 2,813 वोटों से हराया।
1985 और 1990: भाजपा के राम नारायण राम ने लगातार जीत हासिल की।
1995: CPI के अर्जुन राम ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की।
2000: BSP के छेदी लाल राम ने RJD के कामाख्या नारायण को सिर्फ 1,615 वोटों से हराया।
2005–2015: JDU का दबदबा, श्याम प्यारी देवी (2005) और संतोष कुमार निराला (2010, 2015) ने जीत हासिल की।
2020: कांग्रेस की वापसी, विश्वनाथ राम ने JDU के निराला को 21,204 वोटों से हराया।
पार्टी प्रदर्शन का सार
जनता पार्टी, CPI और BSP: 1-1 जीत
भाजपा और कांग्रेस: 2-2 जीत
JDU: 3 जीत, सबसे अधिक सफल पार्टी
दो बार विधायक बने: संतोष कुमार निराला (JDU) और राम नारायण राम (BJP)
पास की हार: CPI के धर्मराज पासवान और RJD के कामाख्या नारायण
राजपुर एक स्विंग सीट है, जहाँ लंबे समय तक किसी एक पार्टी का दबदबा नहीं रहा। आगामी चुनाव में तेजस्वी यादव की RJD इस क्षेत्र में अपनी पहली जीत दर्ज करने की कोशिश कर सकती है।
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