बाढ़ के बीच पानी पर तकरार: हरियाणा ने बीबीएमबी से कम पानी छोड़ने की मांग की
आप का आरोप- पंजाब को संकट में अकेला छोड़ा
हरियाणा बोला- पानी की जरूरत घटी, सिर्फ 6,250 क्यूसेक चाहिए; आप ने उठाया सवाल- बाढ़ में क्यों नहीं कर रहे मदद….
चंडीगढ़ : पंजाब और हरियाणा के बीच पानी को लेकर विवाद एक बार फिर बढ़ गया है। भारी बारिश और बाढ़ जैसे हालात के बीच हरियाणा सरकार ने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) को पत्र लिखकर पानी का डिस्चार्ज कम करने की मांग की है। वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) पंजाब ने हरियाणा पर आरोप लगाया है कि संकट की घड़ी में पंजाब को अकेला छोड़ दिया गया है।
जानकारी के अनुसार, हरियाणा सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग ने पत्र में कहा है कि फिलहाल हरियाणा के लिए पानी का डिस्चार्ज 8,894 क्यूसेक दर्ज किया गया है, जबकि राज्य ने 7,900 क्यूसेक की ही मांग की थी। 26 अगस्त को हरियाणा ने अपनी पानी की मांग घटाकर 7,900 क्यूसेक कर दी थी, लेकिन डिस्चार्ज कम नहीं हुआ। अब भारी बारिश और घटती जरूरत को देखते हुए हरियाणा ने 6,250 क्यूसेक पानी ही लेने की सहमति दी है।
विभाग ने चेतावनी दी है कि लगातार बढ़ते जलस्तर और बाढ़ की स्थिति को देखते हुए नहर प्रणाली और आसपास की बस्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना जरूरी है। इसलिए तुरंत प्रभाव से पानी का डिस्चार्ज कम किया जाना चाहिए।
इधर, AAP पंजाब के प्रवक्ता नील गर्ग ने हरियाणा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जब पंजाब की धरती प्यास से जूझ रही होती है तो उसका हक छीना जाता है। लेकिन अब जब चारों ओर पानी-पानी है और पंजाब बाढ़ की मार झेल रहा है, तब हरियाणा पंजाब को अकेला छोड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि पंजाब ने हरियाणा से गुहार लगाई थी कि भाखड़ा डैम का पानी ज्यादा ले लो, ताकि पंजाब को बाढ़ से बचाया जा सके। लेकिन हरियाणा अब पानी का कोटा घटाने की मांग कर रहा है। नील गर्ग ने सवाल उठाया कि क्या पंजाब सिर्फ नुकसान झेलने के लिए है? और क्या हरियाणा की मदद की पेशकश केवल एक सियासी जुमला थी?
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