करिश्मा कपूर के बच्चों का हाई कोर्ट रुख, मांगी 30,000 करोड़ की संपत्ति में हिस्सेदारी
पिता संजय कपूर की संपत्ति को लेकर विवाद, सौतेली मां पर आरोप लगाते हुए बच्चों ने कानूनी लड़ाई शुरू की….
नई दिल्ली: बॉलीवुड एक्ट्रेस करिश्मा कपूर के परिवार को लेकर एक बड़ा विवाद सामने आया है। करिश्मा के बच्चों ने अपने पिता संजय कपूर की लगभग 30,000 करोड़ रुपए की संपत्ति में हिस्सेदारी की मांग को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
सूत्रों के मुताबिक, बच्चों का कहना है कि वे अपने पिता की संपत्ति में बराबरी का अधिकार रखते हैं। उनका आरोप है कि सौतेली मां संपत्ति पर कब्जा करने की कोशिश कर रही हैं और उन्हें उनका हक दिलाने के लिए कानूनी लड़ाई जरूरी हो गई है।
कोर्ट में दाखिल याचिका में करिश्मा कपूर के बच्चों ने कहा कि उनकी परवरिश भले ही मां के साथ हुई हो, लेकिन कानूनन वे अपने पिता की संपत्ति पर हकदार हैं। वहीं, सौतेली मां पर यह आरोप लगाया गया है कि उन्होंने बच्चों को उनका हिस्सा न दिलाने के लिए जानबूझकर अड़चनें पैदा की हैं।
यह मामला न सिर्फ बॉलीवुड गलियारों में चर्चा का विषय है बल्कि कानूनी विशेषज्ञ भी इस पर नजर बनाए हुए हैं। पारिवारिक संपत्ति और विरासत से जुड़े मामले अक्सर कोर्ट में लंबे समय तक चलते हैं और इस मामले में भी लंबी कानूनी लड़ाई की संभावना जताई जा रही है।
संजय कपूर देश के जाने-माने उद्योगपति परिवार से जुड़े माने जाते हैं और उनकी कुल संपत्ति का अनुमान करीब 30,000 करोड़ रुपए है। ऐसे में बच्चों का दावा बड़ा और संवेदनशील दोनों माना जा रहा है।
कानूनी जानकारों का कहना है कि भारतीय कानून के तहत जैविक बच्चों को पिता की संपत्ति पर अधिकार होता है। हालांकि, अगर वसीयत (Will) में कुछ और लिखा गया हो तो मामला और जटिल हो सकता है।
करिश्मा कपूर और संजय कपूर की शादी और फिर तलाक पहले ही मीडिया की सुर्खियों में रह चुका है। अब उनके बच्चों का यह कदम परिवारिक विवाद को और सार्वजनिक कर रहा है।
बॉलीवुड इंडस्ट्री के करीबियों का मानना है कि इस मामले का असर करिश्मा कपूर की निजी जिंदगी और उनकी पब्लिक इमेज पर भी पड़ सकता है। वहीं, बच्चे कोर्ट के फैसले के जरिए अपना हक सुरक्षित करना चाहते हैं।
इस मामले में अगली सुनवाई जल्द ही निर्धारित की जाएगी। तब तक सभी की निगाहें दिल्ली हाई कोर्ट पर टिकी रहेंगी कि आखिर यह हाई-प्रोफाइल विवाद किस दिशा में आगे बढ़ता है।
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