भारत में ओरल कैंसर के सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं: डॉ. विजय बंसल, IVY अस्पताल, मोहाली के डायरेक्टर
IVYअस्पताल मोहाली ने सिर एवं गर्दन कैंसर अवेयरनेस मंथ मनाया
डायरेक्टर डॉ. जतिन सरीन ने बताया कि सिर और गर्दन का कैंसर मुख्य रूप से हमारी जीवनशैली और सुपारी चबाने, तंबाकू और शराब के सेवन की लत, ओरल हाइजीन ना बनाए रखने के कारण
चंडीगढ़/मोहाली : “भारत में लगभग 30 लाख लोग कैंसर से पीड़ित हैं, जिनमें से 14 लाख मामले नए हैं। भारत में कैंसर हर साल 9.10 लाख लोगों की जान लेता है।”
गुरुवार को यहां मीडिया से बात करते हुए आईवीवाई अस्पताल, मोहाली में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के डायरेक्टर डॉ. विजय बंसल ने कहा कि भारत में वैश्विक स्तर पर ओरल कैंसर का प्रचलन सबसे अधिक है, हर साल ऐसे कैंसर के 1.75 लाख नए मामले सामने आते हैं। देश में ओरल कैंसर के 90 प्रतिशत मामलों में तंबाकू और गुटखा चबाने का योगदान है।
मेडिकल ऑन्कोलॉजी के डायरेक्टर डॉ. जतिन सरीन ने बताया कि सिर और गर्दन का कैंसर मुख्य रूप से हमारी जीवनशैली और सुपारी चबाने, तंबाकू और शराब के सेवन की लत, ओरल हाइजीन ना बनाए रखने के कारण होता है।
सिर और गर्दन के कैंसर का निदान करने के लिए गोल्ड स्टैंडर्ड टेस्ट टिशू बायोप्सी है, । उन्होंने कहा कि पीईटी स्कैन या कंट्रास्ट एन्हांस्ड एमआरआई, सीटी स्कैन जैसी इमेजिंग के माध्यम से कैंसर के प्रसार की सीमा का पता लगाया जा सकता है।
डॉ. बंसल ने बताया कि सिर और गर्दन के कैंसर के उपचार में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, मेडिकल ऑन्कोलॉजी और रेडिएशन ऑन्कोलॉजी के 3 तरीके शामिल हैं।
रेडिएशन ऑन्कोलॉजी की डायरेक्टर डॉ. मिनाक्षी मित्तल ने कहा कि सिर और गर्दन का कैंसर फेरिंगक्स(ग्रसनी) नेज़ल (नाक) और परानासल साइनस, ओरल कैविटी, र्लैरिंक्स और सलिवेरी (लार) ग्रंथियों से उत्पन्न हो सकता है। उन्होंने कहा कि हाल की प्रगति ने उपचार के परिणामों में काफी सुधार किया है।
सिर और गर्दन के कैंसर के सामान्य लक्षण:
1. गर्दन, जबड़े या मुँह के पीछे एक गांठ
2. मुँह का अल्सर
3. चेहरे पर दर्द या कमजोरी
4. गर्दन में दर्द
5. जबड़े को हिलाने में कठिनाई होना।
6. निगलने में कठिनाई
7. स्पीच प्रॉब्लम
8. कान में दर्द या सुनने की क्षमता में कमी.
(न्यूजऑनराडार ब्यूरो की रिपोर्ट)
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