GST 2.0: कृषि और डेयरी उत्पादों पर कटौती, किसानों के लिए बड़ा दिवाली तोहफा
किसानों की आय बढ़ेगी और उपभोक्ताओं को सस्ता पौष्टिक भोजन मिलेगा…
नई दिल्ली: जीएसटी परिषद ने उर्वरकों, जैव कीटनाशकों, कृषि उपकरणों और डेयरी उत्पादों पर दरों में कटौती करने का निर्णय लिया है। इस कदम से किसानों की आय में वृद्धि होगी और उपभोक्ताओं को भी पौष्टिक भोजन अधिक किफायती दर पर उपलब्ध होगा।
गोदरेज एग्रोवेट लिमिटेड के सीईओ सुनील कटारिया के अनुसार, उर्वरकों और जैव कीटनाशकों पर जीएसटी में कमी किसानों को ऐसे समय में बड़ी राहत प्रदान करेगी, जब अनियमित मौसम के कारण फसलों पर प्रतिकूल असर पड़ा है। उन्होंने कहा कि औसत इनपुट लागत कुल खेती खर्च का लगभग 30-40 प्रतिशत होती है, और इन लागतों में कमी से किसानों को गुणवत्तापूर्ण फसल सुरक्षा समाधान सस्ते में मिलेंगे, जिससे उपज और आय बढ़ाने में मदद मिलेगी।
डेयरी उत्पादों पर जीएसटी घटाकर 5 प्रतिशत करने से किसानों की सामर्थ्य और खपत में सुधार होगा, देश में प्रोटीन की कमी दूर होगी और डेयरी किसान परिवारों को आर्थिक सहायता मिलेगी।
सीएनएच इंडिया के अध्यक्ष नरिंदर मित्तल ने कृषि उपकरणों, कलपुर्जों और टायरों पर 5 प्रतिशत जीएसटी लागू करने की सराहना की। उनका कहना है कि इससे ट्रैक्टर, हार्वेस्टर और अन्य उपकरण सस्ते होंगे और मशीनीकरण में तेजी आएगी।
कम्पाउंड लाइवस्टॉक फीड मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष दिव्य कुमार गुलाटी ने कहा कि डेयरी उत्पादों पर कर घटाने से देश के आठ करोड़ डेयरी किसानों को लाभ होगा। यूएचटी दूध, मक्खन, घी, पनीर और चीज पर कर घटाकर 5 प्रतिशत करने से ग्रामीण आय बढ़ेगी और पशु देखभाल में निवेश बढ़ेगा।
पराग मिल्क फूड्स के अध्यक्ष देवेंद्र शाह ने कहा कि यह कदम कीमत-संवेदनशील ग्रामीण और अर्ध-शहरी उपभोक्ताओं के लिए विशेष लाभकारी है। अधिक मांग से किसानों को बेहतर आय स्थिरता और पशु देखभाल में आत्मविश्वास मिलेगा।
धानुका एग्रीटेक के मानद चेयरमैन आरजी अग्रवाल ने इसे किसानों के लिए “बड़ा दिवाली उपहार” बताया। उन्होंने विशेष रूप से कृषि-ड्रोन, जैव-कीटनाशक और जैविक समाधानों पर कटौती की प्रशंसा की और कहा कि यह मृदा स्वास्थ्य सुधार और दीर्घकालिक कृषि प्रदर्शन में योगदान देगा।