AAP सरकार ने हरियाणा का पानी क्यों रोका..
पंजाब में सीएम सैनी की गतिविधियाँ बढ़ी, मान बोले- ज्यादा ले चुके…
पंजाब-हरियाणा: पानी के बंटवारे को लेकर एक नया विवाद सामने आया है, जब आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार ने हरियाणा को पानी देना बंद कर दिया। यह कदम उस समय उठाया गया जब पंजाब में मुख्यमंत्री सैनी की गतिविधियाँ बढ़ रही थीं और राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना था कि यह कदम राज्य के आंतरिक राजनीति के दबाव में लिया गया है।
राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हरियाणा पहले ही पंजाब से ज्यादा पानी ले चुका है और अब इसके और लेने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य की पानी की स्थिति पहले से ही कठिन है और ऐसे में हरियाणा का पानी लेना पंजाब के हितों के खिलाफ है। मान का कहना था कि पंजाब में जल संकट के समाधान के लिए राज्य को अपनी जल संसाधनों का अधिकतम और विवेकपूर्ण उपयोग करना होगा।
इस बीच, राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि हरियाणा को पानी देने का यह फैसला पंजाब में मुख्यमंत्री सैनी की बढ़ती गतिविधियों से भी जुड़ा हो सकता है। सैनी, जो कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता हैं, अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने के लिए कई मुद्दों पर सक्रिय हो गए हैं। इस संदर्भ में, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि AAP सरकार ने इस कदम से सैनी को राजनीतिक रूप से कमजोर करने की कोशिश की है।
हालांकि, हरियाणा के नेताओं ने इस निर्णय की आलोचना की है और इसे राज्य के विकास में अड़चन डालने वाला कदम बताया है। हरियाणा सरकार का कहना है कि यह फैसला राज्य के नागरिकों को न सिर्फ जल संकट में डाल सकता है, बल्कि इससे दोनों राज्यों के बीच संबंध भी खराब हो सकते हैं।
पानी के बंटवारे को लेकर पहले भी विवाद होते रहे हैं, लेकिन इस बार पंजाब और हरियाणा के बीच ये मुद्दा और भी जटिल हो गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस विवाद का हल बातचीत और समझौते के जरिए ही निकल सकता है, न कि राजनीतिक दबाव से।
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