पूर्व महिला वॉलीबॉल कप्तान संगीता कड़वासरा फर्जी डिग्री घोटाले में गिरफ्तार, ओपीजेएस यूनिवर्सिटी से बांटी नकली डिग्रियां
जयपुर: भारतीय महिला वॉलीबॉल टीम की पूर्व कप्तान और 10 देशों में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी संगीता कड़वासरा ओपीजेएस यूनिवर्सिटी से फर्जी डिग्रियां जारी करने के मामले में एसओजी की गिरफ्त में आ गई हैं। संगीता पर आरोप है कि उन्होंने यूनिवर्सिटी के संचालक जोगेंद्र सिंह के साथ मिलकर कई अभ्यर्थियों को मोटी रकम लेकर बैक डेट में नकली डिग्रियां बांटी।
संगीता ने खेल के क्षेत्र में शानदार करियर बनाया था और दक्षिण एशियाई फेडरेशन (सैफ) गेम्स में दो बार स्वर्ण और एक बार रजत पदक जीतकर हरियाणा सरकार के प्रतिष्ठित ‘भीम’ खेल पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुकी हैं। खेल कोटे से भारतीय रेलवे में नौकरी भी मिली, लेकिन बाद में उनके जीवन में ऐसा बदलाव आया जिसने उन्हें इस बड़े घोटाले में फंसाया।
गिरफ्तारी के बाद संगीता को रिमांड अवधि पूरी होने के बाद कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। एसओजी को संगीता के फ्लैट से महत्वपूर्ण सबूत भी मिले हैं। एटीएस ने ऑपरेशन ‘कटुरागिनी’ के तहत करीब 20 दिन तक इस मामले की गहन जांच की।
संगीता ने पति से अलगाव के बाद रेलवे की नौकरी छोड़ी और एक चैनल में रिपोर्टर के रूप में काम किया। इसके बाद वह ओपीजेएस यूनिवर्सिटी में ऑब्जर्वर बनीं, जहां उन्होंने जोगेंद्र सिंह के साथ मिलकर इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया।
एसओजी ने बताया कि जोगेंद्र सिंह पहले भी फर्जी डिग्री मामले में पकड़ा जा चुका है और संगीता भी रेलवे में उसके सहकर्मी रह चुकी हैं।
यह मामला न केवल खेल क्षेत्र के लिए शर्मनाक है, बल्कि यह दिखाता है कि कैसे प्रतिष्ठित व्यक्तित्व भी लालच में आकर गलत रास्ते पर चल सकते हैं।
संगीता अपने गुड़गांव स्थित फ्लैट में छुपी हुई थी, जहां रोजाना अलसुबह शिव मंदिर जाकर दर्शन करती थी और फिर वापस आकर फ्लैट में छिप जाती थी। एटीएस ने बिजली काटकर दबिश दी और उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
यह घोटाला अब फर्जी डिग्री जारी करने वाली पूरी साजिश के खुले राज खोल सकता है। एसओजी और एटीएस की जांच अभी जारी है।