बीमा कंपनियों ने बढ़ाई पॉलिसी सीमा, महंगा होगा प्रीमियम
LIC, HDFC Life और SBI Life जैसी कंपनियों ने जीवन बीमा पॉलिसियों की न्यूनतम सीमा बढ़ाई। ग्राहकों पर बढ़ेगा प्रीमियम का बोझ, सस्ती पॉलिसियां होंगी बंद….
देश में जीवन बीमा कराने वालों के लिए झटका देने वाली खबर है। आने वाले समय में छोटी और सस्ती जीवन बीमा पॉलिसियां बाजार से बाहर हो सकती हैं। एलआईसी, एचडीएफसी लाइफ और एसबीआई लाइफ जैसी कंपनियां न्यूनतम और औसत पॉलिसी मूल्य बढ़ा रही हैं। इसके चलते बीमाधारकों को अब ज्यादा प्रीमियम भरना पड़ेगा।
क्यों बढ़ाई गई सीमा?
बीमा कंपनियां यह कदम अपनी कमाई (मार्जिन) बढ़ाने और पॉलिसी लैप्स रोकने के लिए उठा रही हैं। कंपनियों का मानना है कि सस्ती पॉलिसियां जल्दी बंद हो जाती हैं। वहीं, ज्यादा प्रीमियम वाली पॉलिसियों को ग्राहक लंबे समय तक जारी रखते हैं, जिससे कंपनियों की कमाई और स्थिरता दोनों बढ़ती हैं।
आंकड़े क्या कहते हैं?
वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में एलआईसी की पॉलिसी का औसत मूल्य पिछले साल की तुलना में 23% बढ़ गया है। एचडीएफसी लाइफ और एसबीआई लाइफ ने भी अपनी पॉलिसियों का न्यूनतम मूल्य बढ़ा दिया है।
एजेंट और कंपनियों की कमाई बढ़ेगी
नई पॉलिसियों पर ज्यादा प्रीमियम वसूले जाने से बीमा कंपनियों और एजेंट दोनों की आय बढ़ेगी। बड़ी पॉलिसियों पर मिलने वाला कमीशन भी ज्यादा होगा।
एलआईसी का नया अभियान
एलआईसी ने बंद पड़ी पॉलिसियों को फिर से चालू करने के लिए विशेष अभियान शुरू किया है, ताकि पुराने ग्राहकों को जोड़ा जा सके।
क्या है पर्सिस्टेंसी अनुपात?
बीमा क्षेत्र में पर्सिस्टेंसी अनुपात एक प्रमुख पैमाना है, जो बताता है कि कितने प्रतिशत पॉलिसियां एक निश्चित अवधि बाद भी चालू रहती हैं। कंपनियां इसी को मजबूत करने के लिए पॉलिसी का न्यूनतम मूल्य बढ़ा रही हैं।
फाइनेंशियल एक्सपर्ट जितेंद्र सोलंकी के अनुसार, “कम टिकट वाली पॉलिसियों से कंपनियों को ज्यादा लाभ नहीं होता और ये अक्सर बीच में बंद हो जाती हैं। जबकि महंगी पॉलिसियां लंबे समय तक चलती हैं, इसलिए कंपनियां न्यूनतम प्रीमियम बढ़ा रही हैं।
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