Gaza War: इस्राइली हमले में 33 की मौत, युद्ध में अब तक 62,600 से ज्यादा फलस्तीनी मारे गए - News On Radar India
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Gaza War: इस्राइली हमले में 33 की मौत, युद्ध में अब तक 62,600 से ज्यादा फलस्तीनी मारे गए

खान यूनिस में विस्थापितों के तंबुओं और उत्तरी गाजा में गोलीबारी में महिलाओं व बच्चों की मौत, भुखमरी भी गहराई….

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Gaza War Latest News Israel Gaza Attack Palestinians Killed in Gaza Gaza Humanitarian Crisis Gaza Khan Younis Attack Gaza UN Report Israel Palestine Conflict 2025 Gaza Hunger Crisis Gaza Journalist Killedगाजा :- गाजा में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। शनिवार को इस्राइल ने नए हमले किए जिनमें कम से कम 33 फलस्तीनियों की मौत हो गई। इनमें औरतें, बच्चे और खाने की तलाश कर रहे लोग भी शामिल थे। अब तक युद्ध में 62,600 से ज्यादा फलस्तीनी जान गंवा चुके हैं।

ताज़ा हमला और बढ़ते हालात

गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, शनिवार को हुए इस्राइली हमले में 33 फलस्तीनी मारे गए। मरने वालों में महिलाएं, बच्चे और जरूरत का सामान जुटा रहे लोग शामिल थे। युद्ध शुरू होने के बाद से कुल 62,622 फलस्तीनियों की मौत हो चुकी है।

खान यूनिस में विस्थापितों के तंबुओं पर हमला

नासिर अस्पताल के रिकॉर्ड बताते हैं कि दक्षिणी गाजा के खान यूनिस में विस्थापित लोगों के तंबुओं पर हमला किया गया, जिसमें 17 लोगों की जान गई। मरने वालों में आधे से ज्यादा महिलाएं और बच्चे थे।

उत्तरी गाजा में गोलीबारी

शेख रादवान फील्ड अस्पताल ने बताया कि उत्तरी गाजा में इस्राइली गोलीबारी में 5 लोग मारे गए। यह हमला जिकिम क्रॉसिंग के पास हुआ, जहां से संयुक्त राष्ट्र और अन्य ट्रक काफिले गाजा में मदद पहुंचाते हैं।

पत्रकार की मौत

फलस्तीनी पत्रकार सिंडिकेट के अनुसार, कैमरामैन खालिद अल-मधौन घटनाओं को कवर करते हुए मारे गए। आरोप है कि उन्हें इस्राइली सैनिकों ने निशाना बनाया।

इस्राइली सेना का बयान

इस्राइली सेना ने खान यूनिस हमले की जानकारी से इनकार किया और कहा कि घटनाओं की जांच चल रही है। सेना का कहना है कि अगर कोई सैनिकों के पास आता है या खतरा पैदा करता है तो चेतावनी स्वरूप गोलियां चलाई जाती हैं।

गाजा में भूख और अकाल

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक, गाजा के करीब 5 लाख लोग भुखमरी की स्थिति में हैं। अब तक 281 लोगों की मौत भूख और कुपोषण से हो चुकी है। राहत संगठनों का कहना है कि मदद पर्याप्त नहीं है, जबकि इस्राइल का दावा है कि उसने पर्याप्त सहायता पहुंचाई है।

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