प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्रियों को हटाने वाले विधेयक पर बोले मनीष सिसोदिया
'कानून अच्छा है, लेकिन दुरुपयोग का खतरा'
सिसोदिया ने कहा – भ्रष्ट नेताओं को डर होना चाहिए, लेकिन सत्ता में बैठी पार्टी इसका राजनीतिक फायदा उठा सकती है….
चंडीगढ़: गंभीर आपराधिक आरोपों या भ्रष्टाचार के मामलों में गिरफ्तार और लगातार 30 दिन की हिरासत में रहने वाले प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्रियों को पद से हटाने के लिए केंद्र सरकार ने एक नया विधेयक लोकसभा में पेश किया है।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए आम आदमी पार्टी के नेता और पंजाब प्रभारी मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह कानून दिखने में तो अच्छा है, लेकिन इसकी आड़ में ED और CBI की तरह दुरुपयोग किए जाने की संभावना है।
सिसोदिया ने कहा, “भ्रष्ट नेताओं को डर होना चाहिए कि उन्हें हटाया जा सकता है। आम आदमी पार्टी ईमानदार लोगों की पार्टी है, इसलिए हम पारदर्शिता और जवाबदेही वाले कानूनों का समर्थन करते हैं। लेकिन यह ध्यान रखना जरूरी है कि यह कानून सत्ताधारी पार्टी को बहुत अधिक शक्ति दे सकता है।”
उन्होंने आशंका जताई कि किसी भी विपक्षी नेता को झूठे आरोपों में फंसा कर 30 दिन तक जेल में रखकर हटाया जा सकता है, और इससे लोकतंत्र को नुकसान हो सकता है।
सुझाव देते हुए सिसोदिया ने कहा कि यदि किसी मंत्री को 30 दिन के अंदर दोषी साबित नहीं किया जाता, तो यह माना जाए कि उस पर झूठा आरोप लगाया गया था। ऐसे में जिसने झूठा आरोप लगाया है, उसे उतनी ही सजा दी जाए जितनी असली अपराध में होती।
उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि इस कानून को निष्पक्षता और न्याय के सिद्धांतों के अनुसार लागू किया जाए, ताकि यह सिर्फ एक राजनीतिक हथियार बनकर न रह जाए।
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