मास्को में आज रूस के प्रथम उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव
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मास्को में आज रूस के प्रथम उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव से मिले विदेश मंत्री जयशंकर – कई विषयों पर हुई चर्चा

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मास्को में रूस के उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव से मुलाकात की, द्विपक्षीय संबंधों और वैश्विक मुद्दों पर हुई अहम बातचीत….

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India Russia relations जयशंकर रूस दौरा भारत रूस द्विपक्षीय बैठक डेनिस मंटुरोव जयशंकर मुलाकात भारतीय विदेश मंत्री मास्को भारत रूस संबंध 2025मास्को: भारत और रूस के बीच ऐतिहासिक रिश्तों को और गहरा करने के प्रयासों के तहत विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने आज मास्को में रूस के प्रथम उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव से मुलाकात की। इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने आर्थिक सहयोग, रक्षा साझेदारी, ऊर्जा क्षेत्र, व्यापार और वैश्विक मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की।
भारत और रूस के रिश्ते दशकों पुराने हैं और दोनों देश हमेशा एक-दूसरे के रणनीतिक साझेदार रहे हैं। मौजूदा अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों में यह मुलाकात बेहद अहम मानी जा रही है, क्योंकि वैश्विक स्तर पर लगातार बदलते हालात में दोनों देशों के सहयोग की दिशा और भी महत्वपूर्ण हो गई है।

बैठक में उठे अहम मुद्दे
रक्षा और सुरक्षा सहयोग:
भारत और रूस लंबे समय से रक्षा क्षेत्र में करीबी सहयोगी रहे हैं। इस बैठक में आधुनिक हथियार प्रणालियों, संयुक्त उत्पादन, और तकनीकी सहयोग पर चर्चा हुई। इसके अलावा दोनों देशों ने रक्षा उद्योग को और मजबूत करने पर सहमति जताई।

ऊर्जा क्षेत्र में साझेदारी:
रूस भारत के लिए तेल और गैस का एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता है। बैठक के दौरान ऊर्जा आपूर्ति में स्थिरता, नए ऊर्जा प्रोजेक्ट्स और परमाणु ऊर्जा सहयोग जैसे मुद्दों पर विचार किया गया।

व्यापार और निवेश:
भारत-रूस के बीच व्यापारिक संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने की दिशा में भी बात हुई। हाल के वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार में तेजी आई है, और दोनों देशों ने तय किया कि आने वाले समय में स्थानीय मुद्राओं में व्यापार और निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा।

वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दे:
जयशंकर और मंटुरोव ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आपसी सहयोग को मजबूत करने पर जोर दिया। साथ ही एशिया, मध्य-पूर्व और यूक्रेन संघर्ष जैसे संवेदनशील मुद्दों पर भी चर्चा हुई।

विदेश नीति विशेषज्ञ मानते हैं कि जयशंकर और मंटुरोव की मुलाकात से दोनों देशों के रिश्ते और गहरे होंगे। यह बैठक इस बात का संकेत है कि बदलते वैश्विक परिदृश्य में भारत और रूस साझा रणनीति के तहत आगे बढ़ना चाहते हैं।

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