भारत-पाक मैच पर गावस्कर का बड़ा बयान
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भारत-पाक मैच पर गावस्कर का बड़ा बयान

एशिया कप 2025 में मुकाबले पर बढ़ा विवाद….

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नई दिल्ली एशिया कप 2025 को लेकर इस समय सबसे ज्यादा चर्चा भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले मैच की हो रही है। यह मैच लंबे समय से क्रिकेट प्रेमियों की उत्सुकता का केंद्र बना हुआ है, लेकिन हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले के कारण इस मैच पर अनिश्चितता के बादल मंडराने लगे हैं। देशभर में इस मुकाबले के विरोध की आवाजें तेज हो गई हैं। इसी बीच भारत के पूर्व कप्तान और महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने इस विवादित मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।

सुनील गावस्कर ने साफ शब्दों में कहा कि खेल और राजनीति को एक-दूसरे से अलग रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि क्रिकेट हमेशा से दोनों देशों के बीच पुल का काम करता आया है और इसे लोगों को करीब लाने के अवसर के रूप में देखा जाना चाहिए। गावस्कर ने जोर दिया कि मैच खेला जाए या नहीं, यह फैसला पूरी तरह सरकार और क्रिकेट बोर्ड का है, लेकिन उनका मानना है कि खेल को नफरत की भेंट नहीं चढ़ना चाहिए।

पूर्व कप्तान ने यह भी कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले मैच का इंतजार न केवल दोनों देशों के क्रिकेट प्रेमी करते हैं बल्कि दुनिया भर के प्रशंसक इस रोमांचक मुकाबले को देखने के लिए उत्सुक रहते हैं। ऐसे में यदि मैच नहीं हुआ तो यह क्रिकेट फैंस के लिए बड़ी निराशा होगी।

हालांकि उन्होंने यह भी माना कि सुरक्षा सबसे अहम है और यदि हालात ऐसे हैं कि खिलाड़ियों और दर्शकों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है, तो सरकार और संबंधित एजेंसियों को सख्त कदम उठाना ही होगा। उन्होंने कहा कि खेलना तभी संभव है जब माहौल सुरक्षित और अनुकूल हो।

एशिया कप के आयोजकों के सामने भी अब बड़ी चुनौती है। एक तरफ दर्शक और प्रायोजक चाहते हैं कि यह मैच हर हाल में हो, वहीं दूसरी तरफ विरोध प्रदर्शनों और सुरक्षा चिंताओं ने तस्वीर को और जटिल बना दिया है। राजनीतिक स्तर पर भी इस मुद्दे पर मतभेद हैं। कुछ नेताओं ने साफ कहा है कि आतंकवाद की छाया में किसी भी प्रकार का खेल आयोजन स्वीकार्य नहीं होगा।

क्रिकेट विश्लेषकों का मानना है कि भारत-पाक मैच केवल एक खेल नहीं, बल्कि भावनाओं का ज्वार होता है। मैदान पर दोनों टीमों का टकराव दर्शकों के दिल की धड़कनें बढ़ा देता है और यही वजह है कि यह मुकाबला दुनिया के सबसे ज्यादा देखे जाने वाले मैचों में शामिल है।

अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि आने वाले दिनों में सरकार और क्रिकेट बोर्ड क्या निर्णय लेते हैं। सुनील गावस्कर का बयान निश्चित ही इस बहस को और गहराई देगा और क्रिकेट प्रेमियों को सोचने पर मजबूर करेगा कि आखिर खेल और राजनीति को कितनी दूर तक अलग रखा जा सकता है।

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