मिड डे मील वर्करों ने रखीं मांगें मंत्री संग
शिक्षा मंत्री ने यूनियन को आश्वस्त किया, कैबिनेट बैठक में समाधान पर होगी चर्चा……
चंडीगढ़ में मंगलवार को मिड डे मील वर्कर्स यूनियन हरियाणा (सीटू) और शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा के बीच अहम मुलाकात हुई। यूनियन ने शिक्षा मंत्री के सामने अपनी कई मांगें और समस्याएं रखीं। बैठक के दौरान मंत्री ने यूनियन प्रतिनिधियों को भरोसा दिलाया कि उनकी मांगों को गंभीरता से लिया जाएगा और जल्द ही कैबिनेट की बैठक में इस पर चर्चा करके समाधान निकाला जाएगा।
बैठक का माहौल सकारात्मक रहा और दोनों पक्षों ने खुलकर अपने विचार साझा किए। यूनियन प्रतिनिधियों का कहना था कि लंबे समय से मिड डे मील वर्कर्स की समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है, जिससे कर्मचारियों में असंतोष बढ़ रहा है। उन्होंने वेतन वृद्धि, नियमितीकरण और कार्यस्थल पर सुविधाओं से जुड़ी मांगें शिक्षा मंत्री के सामने रखीं।
शिक्षा मंत्री ने यूनियन की बातों को ध्यान से सुना और तुरंत महानिदेशक मौलिक शिक्षा हरियाणा विवेक अग्रवाल को भी बैठक में शामिल होने के निर्देश दिए। इसके बाद यूनियन प्रतिनिधियों और महानिदेशक मौलिक शिक्षा के बीच भी विस्तार से चर्चा हुई। इस दौरान विभागीय समस्याओं की सूची पर बिंदुवार बातचीत की गई और समाधान के लिए संभावित रास्तों पर विचार किया गया।
मिड डे मील वर्कर्स यूनियन हरियाणा (सीटू) के नेताओं का कहना है कि सरकार को जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने चाहिए, क्योंकि हजारों कर्मचारी वर्षों से बेहतर वेतन और नौकरी की स्थिरता की मांग कर रहे हैं। उनका कहना था कि मिड डे मील योजना बच्चों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है और इसमें काम करने वाले कर्मचारियों की स्थिति सुधरेगी तो योजना और बेहतर तरीके से लागू हो सकेगी।
शिक्षा मंत्री ने भी इस बात को स्वीकार किया कि मिड डे मील वर्कर्स की भूमिका बेहद अहम है। उन्होंने कहा कि सरकार उनकी सेवाओं की कद्र करती है और उनकी मांगों को हल करने की दिशा में गंभीरता से काम कर रही है। उन्होंने यूनियन को आश्वस्त किया कि उनके मुद्दों को कैबिनेट की अगली बैठक में रखा जाएगा और एक उचित समाधान खोजने का प्रयास किया जाएगा।
बैठक के बाद यूनियन प्रतिनिधियों ने संतोष जताया, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि जब तक उनकी मांगों पर ठोस निर्णय नहीं हो जाता, तब तक वे आंदोलन की राह को खुला रखेंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार इस बार कर्मचारियों की उम्मीदों पर खरा उतरेगी और लंबे समय से लंबित मुद्दों का निपटारा करेगी।
यह बैठक मिड डे मील वर्कर्स के संघर्ष में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। अब सबकी नजरें कैबिनेट की आगामी बैठक पर टिकी हुई हैं, जहां यह तय होगा कि उनकी मांगों को किस हद तक स्वीकार किया जाता है।
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