नई दिल्ली । भारतीय क्रिकेट में युवा बल्लेबाज सरफराज खान एक बार फिर सुर्खियों में हैं। एशिया कप से पहले उन्होंने अपने बल्ले से ऐसा प्रदर्शन किया है, जिसने चयनकर्ताओं का ध्यान खींच लिया है। तमिलनाडु के खिलाफ बूची बाबू टूर्नामेंट में खेलते हुए सरफराज ने महज 92 गेंदों में शानदार शतक ठोक दिया। यह पारी उनकी प्रतिभा और धैर्य दोनों का सबूत है।
27 वर्षीय दाएं हाथ के बल्लेबाज सरफराज खान मुंबई टीम की ओर से पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे। दबाव की स्थिति में उतरते ही उन्होंने अपने अंदाज़ से मैच का रुख बदल दिया। 114 गेंदों की इस पारी में उन्होंने 10 चौके और छह छक्के जड़े और 138 रन बनाकर चयनकर्ताओं को सीधा संदेश दिया कि वह बड़े मौकों के लिए तैयार हैं।
बूची बाबू टूर्नामेंट घरेलू क्रिकेटरों के लिए अपनी क्षमता साबित करने का अहम मंच माना जाता है। सरफराज की यह शतकीय पारी न केवल मुंबई को मजबूत स्थिति में ले गई बल्कि टीम इंडिया के लिए भी चयनकर्ताओं को एक विकल्प थमा गई। लगातार घरेलू क्रिकेट में रन बनाने वाले इस बल्लेबाज ने पहले भी कई मौकों पर अपनी प्रतिभा दिखाई है।
पिछले कुछ समय से भारतीय टीम की मिडिल ऑर्डर बल्लेबाजी चिंता का विषय बनी हुई है। खासकर एशिया कप और उसके बाद होने वाले वर्ल्ड कप को देखते हुए चयनकर्ताओं की नजर उन खिलाड़ियों पर है जो दबाव में रन बना सकें। सरफराज का यह शतक इसी दिशा में बड़ा संकेत है। उनके आक्रामक लेकिन समझदारी भरे खेल ने यह साबित किया कि वह लिमिटेड ओवर क्रिकेट में भी टीम के लिए बड़ा योगदान दे सकते हैं।
सरफराज खान का घरेलू क्रिकेट रिकॉर्ड हमेशा से शानदार रहा है। रणजी ट्रॉफी में उनका औसत 80 से ऊपर है, जो किसी भी बल्लेबाज के लिए बड़ी उपलब्धि है। कई बार चर्चा होती रही है कि इतनी स्थिरता और निरंतरता के बावजूद उन्हें भारतीय टीम में लंबे समय तक मौका क्यों नहीं मिल पाया। अब एशिया कप से ठीक पहले उनकी यह पारी चयनकर्ताओं को मजबूर कर सकती है कि वे उन्हें स्क्वॉड में शामिल करने पर विचार करें।
मैच के बाद सरफराज ने भी अपनी भावनाएं साझा कीं। उन्होंने कहा कि उनका ध्यान सिर्फ रन बनाने और टीम को जीत दिलाने पर है। भारतीय टीम का हिस्सा बनना उनका सपना है और इसके लिए वह हर अवसर का पूरा फायदा उठाना चाहते हैं।
इस शतक के साथ सरफराज खान ने न केवल अपनी काबिलियत का परिचय दिया है बल्कि उन सभी सवालों का भी जवाब दिया है जो उनकी जगह को लेकर उठाए जा रहे थे। अब देखना यह होगा कि चयन समिति उनके इस प्रदर्शन को किस तरह देखती है और क्या एशिया कप की टीम में उन्हें जगह मिलती है।
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