चंडीगढ़ पुलिस का कहर: बाप-बेटे से मारपीट
सफेद कागज पर जबरन अंगूठा लगवाया, बीट बॉक्स में थप्पड़ों की बौछार…..
चंडीगढ़ पुलिस पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं, जब एक हैरान कर देने वाली घटना में बाप-बेटे के साथ मारपीट और उत्पीड़न का मामला सामने आया है। यह घटना केवल पुलिस की बेरुखी नहीं, बल्कि एक आम नागरिक की गरिमा और अधिकारों की खुली अवहेलना है। मामला शहर के एक क्षेत्र का है, जहां बाप और बेटा किसी निजी काम से जा रहे थे। बताया जा रहा है कि रास्ते में किसी मामूली बात को लेकर पुलिस कर्मियों से कहासुनी हो गई। इसके बाद मौके पर मौजूद कुछ पुलिसवालों ने उन्हें जबरन बीट बॉक्स में ले जाकर बुरी तरह पीटना शुरू कर दिया।
पीड़ितों का आरोप है कि उनके साथ ना सिर्फ मारपीट की गई, बल्कि सफेद कागज पर जबरन अंगूठा भी लगवाया गया। यह एक बेहद गंभीर आरोप है, जो पुलिस के रवैये पर कई सवाल खड़े करता है। एक कांस्टेबल पर आरोप है कि उसने सबसे ज्यादा अमानवीयता दिखाई और बार-बार थप्पड़ मारते हुए धमकियां दीं कि अगर किसी को बताया तो और बुरा हाल होगा।
पीड़ित परिवार का कहना है कि वे कानून के दायरे में रहकर अपनी शिकायत दर्ज करवाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें अपराधी की तरह ट्रीट किया। किसी प्रकार की कानूनी प्रक्रिया या वजह बताए बिना उन्हें घंटों थाने में बिठाए रखा गया और डराने-धमकाने का सिलसिला चलता रहा।
इस घटना की जानकारी मिलने पर कई सामाजिक संगठनों ने भी विरोध जताया है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। लोगों का कहना है कि अगर पुलिस ही नागरिकों के साथ इस तरह का व्यवहार करेगी तो आम आदमी कहां जाएगा? वहीं, पुलिस विभाग की ओर से अभी तक कोई ठोस बयान सामने नहीं आया है। विभाग ने केवल इतना कहा है कि मामले की जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
यह कोई पहली बार नहीं है जब पुलिस पर इस तरह के आरोप लगे हों, लेकिन हर बार की तरह इस बार भी न्याय मिलना मुश्किल लग रहा है। ऐसे मामलों से पुलिस और जनता के बीच का विश्वास लगातार कमजोर होता जा रहा है। यदि इस घटना की निष्पक्ष जांच कर दोषियों को सजा नहीं दी गई, तो यह आने वाले समय में कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल बनकर उभरेगा। एक तरफ सरकार पुलिस को सुधारने की बात करती है, वहीं जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल उलट नजर आती है।