जयपुर सगाई विवाद में थाने तक पहुंचा मामला
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जयपुर सगाई विवाद में थाने तक पहुंचा मामला

दोस्ती के नाम पर लड़की पर बना रहा था दबाव, लोगों ने युवक को पकड़ पुलिस को सौंपा…..

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जयपुर में एक सगाई समारोह उस वक्त हंगामे का केंद्र बन गया जब एक युवक ने अपनी पुरानी दोस्ती का हवाला देकर लड़की की सगाई तुड़वाने की कोशिश की। यह मामला गुरुवार रात जयपुर के मानसरोवर इलाके में सामने आया, जब सगाई की रस्में चल रही थीं और दोनों परिवार इस खुशी के मौके को मना रहे थे। इसी दौरान एक युवक समारोह स्थल पर पहुंचा और लड़की से ज़ोर ज़बरदस्ती करने लगा, जिससे हड़कंप मच गया।

लड़की पक्ष के परिजनों का कहना है कि आरोपी युवक पहले लड़की का दोस्त रह चुका है और पिछले कुछ समय से वह लड़की पर दबाव बना रहा था कि वह उसकी बात माने और किसी और से सगाई न करे। हालांकि लड़की ने युवक से दूरी बना ली थी, लेकिन वह बार-बार उसे फोन और सोशल मीडिया के माध्यम से परेशान कर रहा था। जब लड़की की सगाई की जानकारी उसे मिली, तो वह अचानक समारोह स्थल पर पहुंच गया और कहने लगा कि वह लड़की को पहले से पसंद करता है।

परिजनों ने जब युवक को रोका, तो उसने भावनात्मक रूप से माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की। इस दौरान कुछ मेहमानों ने मौके पर हस्तक्षेप किया और युवक को काबू में लिया। बाद में उसे पास के थाने ले जाकर पुलिस को सौंप दिया गया। पुलिस ने पूछताछ शुरू कर दी है और पीड़िता की शिकायत के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है।

इस घटना के बाद समारोह में मौजूद मेहमानों के बीच तनाव का माहौल बन गया। हालांकि कुछ समय बाद कार्यक्रम को दोबारा शुरू किया गया, लेकिन परिवार का कहना है कि जिस तरह का व्यवहार युवक ने किया, वह मानसिक रूप से काफी परेशान करने वाला था। लड़की ने भी पुलिस को बताया कि वह अब उस युवक से कोई संबंध नहीं रखना चाहती और वह लगातार उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा है।

पुलिस का कहना है कि युवक के खिलाफ आईटी एक्ट और महिला सुरक्षा अधिनियम के तहत धाराएं लगाई जा सकती हैं। परिजनों की ओर से मिली शिकायत के आधार पर जांच शुरू कर दी गई है और मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में कोई इस तरह की हरकत न कर सके।

यह घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि जबरदस्ती की दोस्ती और रिश्तों को जब स्वीकृति नहीं मिलती, तो उसका कितना नकारात्मक असर पड़ सकता है। यह घटना सिर्फ एक सगाई का मामला नहीं, बल्कि महिलाओं की निजता और उनके फैसलों का सम्मान करने का भी एक सामाजिक संदेश है।

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