दिल्ली में झुग्गियां उजाड़ी गईं, कांग्रेस ने साधा निशाना
15 हजार से अधिक लोग हुए बेघर, पुनर्वास नीति के उल्लंघन का आरोप….
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के हजारों परिवार इन दिनों बेघर होने की पीड़ा से गुजर रहे हैं। वजह है झुग्गी बस्तियों को हटाए जाने का वो सरकारी अभियान, जिसमें करीब 3000 झुग्गियों को गिरा दिया गया और लगभग 15 हजार लोगों को रातों-रात बेघर कर दिया गया। इन परिवारों की हालत बेहद दयनीय है—न कोई ठिकाना, न खाने की सुविधा, और न ही आगे का कोई रास्ता।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार ने दिल्ली झुग्गी एवं पुनर्वास नीति, 2015 का खुला उल्लंघन किया है। इस नीति के तहत 1 जनवरी 2006 से पहले बसी किसी भी झुग्गी को वैकल्पिक आवास मुहैया कराए बिना नहीं हटाया जा सकता। लेकिन इन हालात में न तो इन परिवारों को कोई विकल्प मिला और न ही उन्हें पहले से कोई नोटिस दिया गया।
यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ने अपने चुनावी वादों को पूरी तरह भुला दिया है। जब चुनाव का वक्त होता है, तो गरीबों की झुग्गियों में जाकर उनसे वोट मांगे जाते हैं, लेकिन अब वही सरकार उन्हें सड़कों पर छोड़ रही है। उन्होंने कहा कि 15 हजार से ज्यादा लोगों को उजाड़ देना एक मानवीय संकट है, जिसे सरकार नजरअंदाज नहीं कर सकती।
इन झुग्गियों में रहने वाले लोग अब टीन की छतों के नीचे, प्लास्टिक की चादरों में, या फिर खुले आसमान के नीचे जीने को मजबूर हैं। उनमें बड़ी संख्या में छोटे बच्चे, बुजुर्ग, और महिलाएं शामिल हैं, जिनके लिए यह विस्थापन न सिर्फ मानसिक और आर्थिक संकट है, बल्कि एक सम्मानजनक जीवन जीने के अधिकार का भी हनन है।
कांग्रेस का कहना है कि दिल्ली से भाजपा के सातों सांसदों को लोकसभा में इस मुद्दे को उठाना चाहिए और इन गरीब परिवारों की आवाज बनना चाहिए। यादव ने यह भी मांग की कि केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार मिलकर जल्द से जल्द इस मामले का समाधान करें और प्रभावित परिवारों को वैकल्पिक आवास उपलब्ध कराएं।
बेतहाशा गर्मी, बारिश और अस्थायी टेंटों में जीवन गुजारते ये लोग रोज़ाना संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन सरकार की तरफ से अब तक कोई ठोस राहत नहीं मिली है। इस मानवीय संकट ने सरकार की संवेदनशीलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं और यह मुद्दा आने वाले समय में राजनीति का बड़ा विषय बन सकता है। कांग्रेस ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अगर जल्द राहत नहीं मिली, तो वह सड़कों पर उतरकर संघर्ष करेगी।