मेवाड़ यूनिवर्सिटी में फर्जी डिग्री घोटाले का खुलासा
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मेवाड़ यूनिवर्सिटी में फर्जी डिग्री घोटाला उजागर

कृषि मंत्री ने मारा छापा, बताया शिक्षा की फैक्ट्री…..

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उदयपुर  राजस्थान की शिक्षा व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है। मंगलवार को एक ऐसा घटनाक्रम सामने आया जिसने पूरे राज्य में शिक्षा की साख पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े कर दिए। राज्य के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने अचानक उदयपुर जिले के गंगरार स्थित मेवाड़ यूनिवर्सिटी में छापा मारा। यह कोई सामान्य निरीक्षण नहीं था, बल्कि एक सुनियोजित कदम था जिससे एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ। मंत्री ने कहा कि यह विश्वविद्यालय अब शिक्षा का मंदिर नहीं रहा, बल्कि डिग्री बेचने वाली फैक्ट्री बन गया है।

छापे के दौरान मंत्री ने बीएससी एग्रीकल्चर कोर्स की वास्तविक स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने मौके पर ही कई छात्रों की उत्तरपुस्तिकाएं जांचीं और पाया कि बिना किसी प्रवेश परीक्षा, बिना नियमित कक्षाओं और यहां तक कि बिना उपस्थिति के छात्रों को प्रथम श्रेणी में पास किया जा रहा है। उन्होंने विश्वविद्यालय को ‘फर्जी डिग्री स्कैम’ का केंद्र बताया और कहा कि यहां से निकलने वाले छात्र नहीं, बल्कि नकली खाद-बीज बेचने वाले एजेंट तैयार किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह संस्था सिर्फ डिग्रियां बेच रही है, और उन डिग्रियों के सहारे कृषि क्षेत्र को गंभीर नुकसान पहुंचाया जा रहा है।

मंत्री मीणा ने छापे के बाद मीडिया से बातचीत में बेहद नाराजगी जाहिर की और कहा कि ऐसे संस्थानों की वजह से पूरे शिक्षा तंत्र पर जनता का भरोसा डगमगाने लगा है। उन्होंने कहा कि जो छात्र मेहनत करके पढ़ाई करते हैं, उनकी मेहनत ऐसे फर्जी डिग्रीधारी छात्रों के सामने कहीं टिकती नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि पूरे मामले की विस्तृत जांच के आदेश दे दिए गए हैं और आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

इस पूरी घटना से छात्रों और उनके अभिभावकों में गहरी चिंता की लहर दौड़ गई है। जहां एक ओर कुछ छात्र इस छापे के बाद भयभीत हैं, वहीं दूसरी ओर वे छात्र और अभिभावक जिन्होंने ईमानदारी से शिक्षा पाई है, वे मंत्री के इस कदम का समर्थन कर रहे हैं। एक स्थानीय अभिभावक ने कहा, “हमें खुशी है कि सरकार ने सख्ती दिखाई है, वरना हमारे बच्चों की मेहनत बेमानी हो जाती।”

अब राज्य सरकार के सामने यह चुनौती है कि वह ऐसे अन्य संस्थानों पर भी कार्रवाई करे और शिक्षा व्यवस्था में ईमानदारी तथा पारदर्शिता लाए। यह केवल एक विश्वविद्यालय की बात नहीं है, बल्कि पूरे सिस्टम की साख का सवाल है।

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