हरियाणा CET में आए नए नियम लागू
शक होने पर बुलाया जाएगा कैंडिडेट, OMR शीट पर खुद भरने होंगे नाम और रोल नंबर…..
हरियाणा में कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (CET) को लेकर आयोग ने दो बड़े बदलाव किए हैं जो आगामी परीक्षाओं पर सीधा असर डालेंगे। अब यदि किसी उम्मीदवार पर संदेह होता है, तो आयोग उसे स्वयं बुलाकर जांच करेगा। इसके अलावा, उम्मीदवारों को अब अपनी OMR शीट पर खुद ही अपना नाम और रोल नंबर भरना अनिवार्य होगा।
इन दोनों नियमों को लागू करने के पीछे सबसे बड़ा कारण परीक्षा की पारदर्शिता और निष्पक्षता को बनाए रखना है। बीते कुछ समय से हरियाणा में परीक्षा प्रणाली को लेकर कई बार सवाल उठे हैं। कहीं पेपर लीक की खबरें आईं तो कहीं फर्जीवाड़े के मामले सामने आए। इन्हीं सब को देखते हुए हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) ने यह सख्त कदम उठाया है।
पहला बदलाव यह है कि अगर किसी अभ्यर्थी की गतिविधियों पर संदेह होता है या फिर वह परीक्षा केंद्र पर किसी संदिग्ध व्यवहार में लिप्त पाया जाता है, तो संबंधित आयोग उस कैंडिडेट को मुख्यालय बुलाकर उससे स्पष्टीकरण लेगा। अब तक कई मामलों में यह देखा गया था कि फर्जी अभ्यर्थी या किसी दूसरे के स्थान पर परीक्षा देने वाले उम्मीदवार परीक्षा देकर निकल जाते थे और बाद में उनका कुछ पता नहीं चलता था। यह नया नियम आयोग को ऐसे उम्मीदवारों की पहचान करने में मदद करेगा।
दूसरा और सबसे अहम बदलाव OMR शीट को लेकर है। अब से हर परीक्षार्थी को अपनी OMR उत्तर पत्रिका पर खुद ही अपना नाम और रोल नंबर भरना होगा। पहले यह काम परीक्षा केंद्रों द्वारा किया जाता था या पहले से प्रिंटेड होता था। लेकिन अब खुद उम्मीदवार को यह जानकारी लिखनी होगी, जिससे गड़बड़ी की संभावना कम होगी और यह सुनिश्चित होगा कि परीक्षार्थी खुद ही परीक्षा दे रहा है।
HSSC के अधिकारियों का कहना है कि ये दोनों नियम न केवल सुरक्षा को बढ़ाएंगे, बल्कि परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही को भी मजबूत करेंगे। इस कदम का स्वागत कई कोचिंग संस्थानों और अभ्यर्थियों ने भी किया है। उनका मानना है कि जब प्रक्रिया निष्पक्ष होगी, तो मेहनत करने वाले छात्रों को ही सफलता मिलेगी। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि कोई अभ्यर्थी OMR शीट पर जानबूझकर गलत जानकारी भरता है, तो उसकी परीक्षा रद्द कर दी जाएगी और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। अब देखना यह होगा कि यह सख्ती आने वाले समय में कितनी प्रभावी साबित होती है और क्या इससे हरियाणा की परीक्षा प्रणाली में विश्वास बहाल हो पाता है या नहीं।
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