17 महीने बाद चमके कॉनवे, न्यूजीलैंड ने ज़िम्बाब्वे को हराया
न्यूजीलैंड की लगातार दूसरी जीत, कॉनवे की फॉर्म में वापसी ने दी टीम को मजबूती
ज़िम्बाब्वे क्रिकेट के मैदान पर शुक्रवार को एक बार फिर से न्यूजीलैंड ने अपनी ताकत का परिचय दिया और जिम्बाब्वे को 8 विकेट से करारी शिकस्त दी। यह मुकाबला त्रिकोणीय सीरीज के तहत खेला गया, जिसमें न्यूजीलैंड की यह लगातार दूसरी जीत थी। इससे पहले उन्होंने दक्षिण अफ्रीका को 21 रनों से हराया था।
इस जीत में सबसे खास बात रही डेवोन कॉनवे की शानदार पारी। लगभग 17 महीनों से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बल्ले से संघर्ष कर रहे कॉनवे ने आखिरकार फॉर्म में वापसी की और शानदार फिफ्टी जड़ी। उन्होंने न सिर्फ स्कोरबोर्ड को आगे बढ़ाया बल्कि अपनी टीम को आत्मविश्वास भी दिया, जो लंबे समय से उनकी कमी को महसूस कर रही थी।
जिम्बाब्वे की टीम ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 182 रनों का स्कोर खड़ा किया, जिसमें उनके सलामी बल्लेबाजों ने ठीक-ठाक शुरुआत दी, लेकिन मिडिल ऑर्डर लगातार लड़खड़ाता रहा। न्यूजीलैंड के गेंदबाजों ने कसी हुई गेंदबाज़ी की और जिम्बाब्वे को बड़े स्कोर तक नहीं पहुंचने दिया। ट्रेंट बोल्ट और मैट हेनरी ने शानदार गेंदबाज़ी की और विकेट निकालते रहे।
लक्ष्य का पीछा करने उतरी न्यूजीलैंड की टीम की शुरुआत भी ज़ोरदार रही। कॉनवे और फिन एलन ने पहले विकेट के लिए सधी हुई साझेदारी की। एलन जहां आक्रामक थे, वहीं कॉनवे धैर्य के साथ खेल रहे थे। कॉनवे ने 58 रन बनाए और यह पारी उनके करियर के लिहाज से बेहद अहम मानी जा रही है क्योंकि वे काफी समय से आलोचना झेल रहे थे।
कॉनवे के बल्ले से निकली इस फिफ्टी ने न केवल उनकी आलोचनाओं को शांत किया बल्कि टीम को भी राहत दी। कप्तान केन विलियमसन ने भी मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कॉनवे की वापसी से टीम की बैटिंग लाइनअप और मज़बूत होगी। इस जीत के साथ न्यूजीलैंड त्रिकोणीय सीरीज में शीर्ष पर पहुंच गया है और उनका आत्मविश्वास अगली चुनौतियों के लिए पूरी तरह तैयार दिख रहा है। जिम्बाब्वे की टीम को हालांकि अभी बहुत काम करना होगा, खासकर मिडिल ऑर्डर में स्थिरता लाने के लिए।
मैच का माहौल काफी रोमांचक रहा, दर्शकों की भीड़ में न्यूजीलैंड के समर्थकों की संख्या अधिक थी, और कॉनवे की पारी ने सभी को झूमने का मौका दिया। लंबे समय बाद क्रिकेट प्रेमियों को उनके बल्ले से वह क्लास देखने को मिला, जिसके लिए वह जाने जाते हैं। अब देखना यह होगा कि क्या कॉनवे इस फॉर्म को बनाए रख पाते हैं या नहीं, लेकिन शुक्रवार की यह शाम उनके लिए और न्यूजीलैंड के लिए काफी यादगार बन गई।
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