पंजाब AAP से 9 बड़े नेता क्यों हुए अलग?
धर्मवीर गांधी से विजय प्रताप तक की कहानी; 7 को पार्टी से निकाला गया, 2 नेताओं ने खुद छोड़ा साथ…..
पंजाब की सियासत में आम आदमी पार्टी (AAP) इन दिनों अंदरूनी उठापटक के चलते सुर्खियों में है। पार्टी से अब तक 9 बड़े नेता अलग हो चुके हैं, जिनमें से 7 को पार्टी ने खुद बाहर का रास्ता दिखाया है, जबकि 2 नेताओं ने खुद अपनी राह अलग कर ली। इन नेताओं में से कुछ ने पार्टी की नीतियों पर सवाल उठाए, तो कुछ संगठनात्मक कार्यशैली से नाराज़ होकर अलग हुए।
सबसे प्रमुख नामों में पटियाला से सांसद रहे धर्मवीर गांधी का नाम आता है, जिन्होंने पार्टी से अलग होकर अपनी स्वतंत्र पहचान बनाई। गांधी ने AAP की शीर्ष नेतृत्व पर तानाशाही रवैये का आरोप लगाया था। वहीं, अमृतसर के पूर्व आईपीएस अधिकारी और विधायक विजय प्रताप सिंह ने भी पार्टी छोड़ने का फैसला लिया। विजय प्रताप ने CBI जाँच और बेअदबी मामलों को लेकर पार्टी से मतभेद जताए थे।
इनके अलावा जिन 7 नेताओं को पार्टी से निकाला गया, उनमें से अधिकतर ने खुलकर हाईकमान की आलोचना की थी या फिर पार्टी लाइन से हटकर बयान दिए थे। पार्टी का कहना था कि अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी, लेकिन जानकारों का मानना है कि इन फैसलों के पीछे आंतरिक असहमति और विचारधाराओं में टकराव बड़ी वजह रही।
AAP पंजाब में 2022 में शानदार जीत के बाद सत्ता में आई थी, लेकिन अब सरकार और संगठन में दूरी दिखाई देने लगी है। जिन नेताओं को निकाला गया, उनमें से कई पार्टी के संस्थापक सदस्यों में शामिल रहे हैं और उन्होंने राज्य में AAP को जमीनी स्तर पर मजबूत किया था।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह के बड़े नेताओं का पार्टी से जाना, भविष्य में आम आदमी पार्टी के लिए एक चुनौती बन सकता है, खासकर तब जब पार्टी को अगले चुनावों के लिए खुद को मजबूत बनाना है।
इस घटनाक्रम से यह भी साफ हो गया है कि AAP को पंजाब में अब केवल सरकार चलाने की नहीं, बल्कि अपनी आंतरिक एकता बनाए रखने की भी सख्त जरूरत है।