हरियाणा के 15 जिलों में बारिश, मंडियों में गेहूं-सरसों भीगे..
News around you

हरियाणा के 15 जिलों में बारिश, मंडियों में गेहूं-सरसों भीगे..

ओलावृष्टि से खेतों में बिछीं फसलें, फसलों के उठान की रफ्तार पर भी पड़ा असर…

56

हरियाणा : के 15 जिलों में हुई तेज बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। इस अचानक बदले मौसम ने खेतों और मंडियों दोनों को प्रभावित किया है। खेतों में कटाई के बाद तैयार खड़ी फसलें बारिश और ओलों की मार से बिछ गईं, वहीं मंडियों में रखा गेहूं और सरसों भीग गया। इससे किसानों को भारी नुकसान का अंदेशा जताया जा रहा है।

मौसम विभाग के अनुसार, बीते 24 घंटे में कई जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश दर्ज की गई है, जिसमें भिवानी, रोहतक, झज्जर, जींद, हिसार, करनाल, कैथल, कुरुक्षेत्र, फतेहाबाद, यमुनानगर, पंचकूला समेत कुल 15 जिले प्रभावित हुए हैं। खेतों में पकी हुई सरसों और गेहूं की फसल जमीन पर गिर गई है, जिससे उत्पादन पर असर पड़ सकता है। कुछ जगहों पर फसलें जलभराव की वजह से सड़ने की स्थिति में पहुंच गई हैं।

मंडियों में खुले में रखा अनाज भी भीगने से खराब हो गया है। खासतौर पर जिन किसानों ने अपनी फसल बेचने के लिए मंडियों में पहुंचाई थी, वे अब दोहरी मार झेल रहे हैं। मंडियों में टीन शेड की कमी और व्यवस्थाओं की खामियों के कारण अनाज सुरक्षित नहीं रह पाया।

बारिश के कारण मंडियों में फसलों के उठान की प्रक्रिया भी धीमी हो गई है। आढ़तियों और मजदूरों की कमी के चलते फसलों की खरीद रुक गई है, जिससे मंडियों में अफरा-तफरी की स्थिति बनी हुई है। किसान जहां अपने माल को सुरक्षित रखने में लगे हैं, वहीं प्रशासन से नुकसान का मुआवजा और मदद की मांग कर रहे हैं।

राज्य सरकार ने इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए संबंधित जिलों के अधिकारियों को नुकसान का सर्वे करने के निर्देश दिए हैं। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि यदि आने वाले दिनों में मौसम साफ नहीं हुआ, तो गेहूं और सरसों की गुणवत्ता और उत्पादन दोनों पर गहरा असर पड़ सकता है।

Comments are closed.