हनुमान जन्मोत्सव पर हनुमान चालीसा का पाठ क्यों है अत्यंत शुभ और फलदायक?
हनुमान जन्मोत्सव की पूजा हनुमान चालीसा के बिना अधूरी क्यों मानी जाती है?
जानें हनुमान चालीसा के पाठ से मिलने वाले लाभ और इसका धार्मिक महत्व…
नई दिल्ली : हनुमान जन्मोत्सव का पर्व हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है और इस पर्व की पूजा-अर्चना हनुमान चालीसा के पाठ के बिना अधूरी मानी जाती है धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हनुमान जी कलियुग के एकमात्र ऐसे देवता हैं जो सशरीर जीवित हैं और अपने भक्तों पर शीघ्र कृपा करते हैं इसलिए उनके जन्मोत्सव पर विशेष पूजा का महत्व और भी अधिक हो जाता है
इस वर्ष हनुमान जन्मोत्सव 12 अप्रैल 2025 को मनाया जाएगा इस दिन देशभर में श्रद्धालु भजन-कीर्तन, हवन, जागरण और भंडारे का आयोजन करते हैं वहीं विशेष रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करना सबसे फलदायक माना जाता है मान्यता है कि इस दिन सच्चे मन से हनुमान चालीसा का पाठ करने से सभी बाधाएं दूर होती हैं और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है
हनुमान चालीसा में 40 चौपाइयों के माध्यम से प्रभु की महिमा, बल, बुद्धि, विद्या और भक्तों के प्रति उनकी करुणा का वर्णन किया गया है यह केवल एक स्तुति नहीं बल्कि एक ऐसा दिव्य कवच है जो साधक को हर प्रकार की मानसिक, शारीरिक और आत्मिक पीड़ा से मुक्ति दिलाता है विशेषकर हनुमान जयंती के दिन इस पाठ का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है
पूजा के दौरान भक्त हनुमान जी को सिंदूर, चोला, चमेली का तेल और गुलाब के फूल अर्पित करते हैं और हनुमान चालीसा का पाठ कर उनसे अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति का आशीर्वाद मांगते हैं हनुमान जी को संकटमोचन कहा जाता है और उनकी चालीसा को संकट से मुक्ति देने वाला मंत्र माना जाता है
कई भक्त इस दिन 108 बार या 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं ताकि जीवन में सुख-शांति, सुरक्षा और सफलता का मार्ग प्रशस्त हो ऐसे में यदि आप भी प्रभु हनुमान की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो इस जन्मोत्सव पर श्रद्धा और भक्ति से चालीसा का पाठ अवश्य करें
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