मालवा के भूजल में यूरेनियम खतरा: 108 सैंपलों में तय मानकों से अधिक मात्रा
हाईकोर्ट ने केंद्रीय भूजल बोर्ड को भेजा नोटिस, बढ़ते कैंसर मामलों से जुड़ा सवाल उठा…..
पंजाब : के मालवा क्षेत्र में भूजल की गुणवत्ता को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। हाल ही में किए गए एक जल परीक्षण में 4406 में से 108 सैंपलों में यूरेनियम की मात्रा तय मानकों से अधिक पाई गई है। इस गंभीर मुद्दे को लेकर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने केंद्रीय भूजल बोर्ड को नोटिस जारी किया है।
इस मामले की शुरुआत 2010 में हुई थी, जब मोहाली निवासी बृजेंदर सिंह लुंबा ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की थी। उन्होंने दावा किया था कि पंजाब के मालवा क्षेत्र के भूजल में यूरेनियम की उच्च मात्रा पाई जा रही है, जिससे यहां कैंसर के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। हाईकोर्ट के निर्देश पर भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (BARC) ने इस मामले की जांच की और बठिंडा, फिरोजपुर, फरीदकोट एवं मानसा जिलों से 1500 पानी के नमूने एकत्र किए।
ताजा रिपोर्ट में यह सामने आया कि कई स्थानों पर भूजल में यूरेनियम की मात्रा विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा तय किए गए सुरक्षित मानकों से अधिक पाई गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस स्थिति का दीर्घकालिक प्रभाव स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर रूप से पड़ सकता है। लंबे समय तक यूरेनियम युक्त पानी के सेवन से कैंसर, किडनी रोग और अन्य गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से इस पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इसके अलावा, केंद्रीय भूजल बोर्ड को नोटिस जारी कर यह स्पष्टीकरण मांगा गया है कि अब तक इस समस्या को हल करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। साथ ही, इस जल प्रदूषण की रोकथाम के लिए भविष्य में क्या रणनीति अपनाई जाएगी, इस पर भी जवाब तलब किया गया है।
विशेषज्ञों के अनुसार, भूजल में यूरेनियम की अधिकता का एक बड़ा कारण किसानों द्वारा अत्यधिक मात्रा में केमिकल उर्वरकों और औद्योगिक कचरे के अंधाधुंध निपटान को माना जा रहा है। इसके अलावा, प्राकृतिक भूगर्भीय संरचना भी इस समस्या में योगदान दे सकती है।
स्थानीय निवासी और सामाजिक कार्यकर्ता इस मुद्दे को लेकर चिंतित हैं और सरकार से त्वरित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। जल विशेषज्ञों का सुझाव है कि प्रभावित क्षेत्रों में जल शोधित करने की अत्याधुनिक तकनीकों को लागू किया जाए और लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाए। आने वाले समय में हाईकोर्ट द्वारा उठाए गए इस कदम से मालवा क्षेत्र के निवासियों को राहत मिलने की उम्मीद की जा रही है।
Comments are closed.