ट्रंप-पुतिन की दोस्ती बदलेगी सत्ता संतुलन
क्या ट्रंप-पुतिन के रिश्तों से दुनिया की राजनीति में आएगा बड़ा बदलाव क्या कोल्ड वॉर खत्म होगा या नया रूप लेगा…
अमेरिका : के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच की दोस्ती हमेशा से चर्चा में रही है। दोनों नेताओं के बीच की केमिस्ट्री ने वैश्विक राजनीति में कई नए समीकरण बनाए हैं। लेकिन अब जब अमेरिका में चुनावी सरगर्मी तेज हो रही है और ट्रंप एक बार फिर राष्ट्रपति बनने की दौड़ में हैं, तो सवाल उठ रहा है कि अगर ट्रंप दोबारा सत्ता में आते हैं, तो क्या अमेरिका और रूस के रिश्तों में बड़ा बदलाव होगा?
पुतिन और ट्रंप की दोस्ती को कई बार ‘ब्रोमांस’ कहा गया है, क्योंकि ट्रंप ने अपने कार्यकाल के दौरान पुतिन के प्रति नरम रुख अपनाया था। 2016 में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूसी हस्तक्षेप के आरोप लगे थे, लेकिन ट्रंप ने इस मामले में पुतिन का बचाव किया था। दूसरी ओर, जो बाइडेन प्रशासन ने रूस पर सख्त प्रतिबंध लगाए और यूक्रेन युद्ध के कारण अमेरिका-रूस संबंधों में और कड़वाहट आ गई।
अगर ट्रंप 2024 में फिर से राष्ट्रपति बनते हैं, तो वे पुतिन से वार्ता कर सकते हैं और रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की दिशा में पहल कर सकते हैं। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप का रुख रूस के लिए फायदेमंद हो सकता है, जिससे पश्चिमी देशों की मौजूदा नीतियों में बड़ा बदलाव आ सकता है। इससे अमेरिका और नाटो के बीच भी तनाव बढ़ सकता है, क्योंकि यूरोपीय देश पुतिन के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने के पक्ष में हैं।
इसके अलावा, ट्रंप और पुतिन की बढ़ती नजदीकियां चीन और रूस के संबंधों को भी प्रभावित कर सकती हैं। अमेरिका और चीन के बीच पहले से ही व्यापार और तकनीकी वर्चस्व को लेकर संघर्ष जारी है। अगर ट्रंप फिर से राष्ट्रपति बनते हैं, तो उनकी नीति अमेरिका-रूस संबंधों को कोल्ड वॉर के पुराने दौर से निकाल सकती है या फिर एक नई तरह की महाशक्ति प्रतियोगिता को जन्म दे सकती है।
अब सवाल यह है कि ट्रंप और पुतिन का ‘ब्रोमांस’ क्या दुनिया के सत्ता संतुलन को पूरी तरह से बदल देगा? क्या इससे कोल्ड वॉर का अंत होगा, या यह सिर्फ एक नई रणनीतिक चाल होगी? आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि वैश्विक राजनीति किस दिशा में आगे बढ़ती है।
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