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ड्रग्स तस्करी पर मान सरकार का रिपोर्ट कार्ड – क्या बदले हालात

पंजाब में ड्रग्स के खिलाफ कितनी सफल रही मान सरकार? रिपोर्ट कार्ड में हुआ बड़ा खुलासा…

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चंडीगढ़: पंजाब में नशे की समस्या लंबे समय से चिंता का विषय बनी हुई है। भगवंत मान सरकार ने सत्ता में आने के बाद ड्रग्स तस्करी और नशाखोरी को खत्म करने के कई दावे किए थे। लेकिन सरकार के अब तक के कार्यकाल में इस समस्या पर कितनी लगाम लग पाई है? हाल ही में जारी रिपोर्ट कार्ड से इस पर बड़ी जानकारी सामने आई है।

ड्रग्स के खिलाफ सरकार की रणनीति

मान सरकार ने सत्ता में आने के बाद ड्रग्स के नेटवर्क को तोड़ने के लिए कई कदम उठाए, जिनमें प्रमुख रूप से निम्नलिखित शामिल हैं:

  1. सख्त कानून और बड़े पैमाने पर गिरफ्तारी: पुलिस और नारकोटिक्स विभाग ने ड्रग्स तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की और कई बड़े ड्रग माफियाओं को गिरफ्तार किया।
  2. सीमा सुरक्षा कड़ी: पाकिस्तान से हो रही ड्रग्स तस्करी को रोकने के लिए बॉर्डर पर सुरक्षा को मजबूत किया गया और ड्रोन से हो रही तस्करी पर कड़ा पहरा लगाया गया।
  3. नशा मुक्ति केंद्रों की संख्या में वृद्धि: युवाओं को नशे से दूर करने के लिए कई नए नशा मुक्ति केंद्र खोले गए और काउंसलिंग सुविधाओं को बढ़ाया गया।

क्या कहते हैं आंकड़े?

सरकार की रिपोर्ट के अनुसार:

  • पिछले एक साल में 2000 से अधिक ड्रग्स तस्कर गिरफ्तार किए गए हैं।
  • 500 करोड़ रुपये से अधिक की ड्रग्स जब्त की गई है।
  • पुलिस ने 2500 से अधिक FIR दर्ज की हैं, जिनमें से कई मामलों में सख्त कार्रवाई हो रही है।
  • ड्रग्स की सप्लाई चेन को तोड़ने के लिए 50 से अधिक बड़े गैंग का भंडाफोड़ किया गया।

चुनौतियां अभी भी बरकरार

हालांकि सरकार की ओर से कार्रवाई तेज हुई है, लेकिन ड्रग्स की समस्या पूरी तरह से खत्म नहीं हो सकी है।

  • बॉर्डर पर ड्रग्स की तस्करी अब भी जारी है।
  • युवाओं में नशे की लत कम होने के संकेत कम हैं।
  • स्थानीय ड्रग्स सप्लायर अभी भी सक्रिय हैं, जिससे नशे की उपलब्धता बनी हुई है।

निष्कर्ष

भगवंत मान सरकार ने ड्रग्स के खिलाफ कई ठोस कदम उठाए हैं और तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। हालांकि, पंजाब को पूरी तरह से नशामुक्त बनाने के लिए अभी और सख्त कदम उठाने की जरूरत है। सरकार के लिए यह एक लंबी लड़ाई है, लेकिन शुरुआती प्रयासों के सकारात्मक नतीजे दिखने लगे हैं।

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